दिल्ली में AAP को बड़ा झटका: दो महिला पार्षदों ने छोड़ी पार्टी, भाजपा में हुईं शामिल, स्थायी समिति का बिगड़ा खेल

aap councillors Preeti and Sarita Phogat join bjp
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आप की दो महिला पार्षद बीजेपी में शामिल।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप की दो महिला पार्षदों ने पार्टी ने छोड़ दी है और बीजेपी में शामिल हो गई हैं।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप की दो महिला पार्षदों ने पार्टी ने छोड़ दी है और बीजेपी में शामिल हो गई हैं। आप की दोनों पार्षदों ने ऐसे मौके पर पार्टी को छोड़ा है जब गुरुवार यानी 26 सितंबर को स्थायी समिति के एक सदस्य का चुनाव होना है।

आम आदमी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाली पार्षदों में दिलशाद गार्डन कॉलोनी की पार्षद प्रीति और ग्रीन पार्क इलाके की पार्षद सरिता फोगाट हैं। दोनों पार्षदों ने आज बुधवार को बीजेपी कार्यालय में पहुंच कर पार्टी की सदस्यता ली है। इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह मौजूद थे।

मदनपुर खादर ईस्ट से पार्षद प्रवीण कुमार भी बीजेपी में शामिल

वहीं, इससे पहले आज बुधवार को सुबह ही आप के एक और पार्षद ने बीजेपी ज्वाइन की थी। आम आदमी पार्टी के मदनपुर खादर ईस्ट के वार्ड 185 से आप पार्षद प्रवीण कुमार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद रामवीर बिधूड़ी और विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।

बता दें कि दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति पर कब्जा करने के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों दल अपनी अपनी अंदरूनी तैयारी में जुटे हुए हैं। स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर किसका कब्जा होगा, यह गुरुवार यानी 26 सितंबर होने वाले स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव से साफ हो सकता है।

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इस चुनाव से पहले स्थायी समिति में तीन सदस्य आम आदमी पार्टी के हैं और भाजपा के दो सदस्य हैं, क्योंकि तीन में से एक सदस्य कमलजीत सहरावत अब सांसद हैं। यदि कुल आंकड़ा देखा जाए तो भाजपा 9 पर और आप 8 पर है। इस खाली हुई एक सीट पर कल, यदि आम आदमी पार्टी से पार्षद चुनाव जीत जाती है, तो फिर आम आदमी पार्टी और भाजपा के स्थायी समिति में 9-9 सदस्य हो जाएंगे और इसके बाद स्थायी समिति में अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र पर्ची से ही निर्णय संभव हो पाएगा कि किसके हक में पर्ची जाती है और किस दल का स्थायी समिति पर कब्जा होगा।

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