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Waterfall in Delhi: अगर आप राजधानी में रहकर ही झरने को देखना चाहते हैं, तो आज हम आपको बताएंगे कि दिल्ली में कहां पर रहकर आप झरना देख सकते हैं।

Waterfall in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में वैसे तो घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। दिल्ली एक ऐतिहासिक नगर है। यह सदियों से सत्ता का केंद्र रही है। इस शहर की सांस्कृतिक विरासत जितनी समृद्ध है, उससे भी ज्यादा समृद्ध है ऐतिहासिक धरोहर। दिल्ली अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए काफी जानी जाती है। दिल्ली में तमाम शासकों के महल, किले और मकबरे हैं, तो अंग्रेजों के जमाने के मॉडर्न आर्किटेक्चरल मार्वल्स भी यहां हैं। दिल्ली में प्राकृतिक खूबसूरती भी खूब दिखती है, लेकिन आपने दिल्ली में झरना नहीं देखा होगा। अगर आप राजधानी में रहकर झरना देखना चाहते हैं, तो आइए हम आपको बताते हैं...

दिल्ली में यहां पर है झरना 

अगर आपको दिल्ली में झरना देखना है, तो बता दें कि यह झरना दक्षिणी दिल्ली में मौजूद है। यह झरना दक्षिण दिल्ली में कुतुब मीनार के पास है और यहां जाने के लिए सबसे अच्छा साधन मेट्रो ही है। मेट्रो की येलो लाइन पर साकेत या कुतुब मीनार स्टेशनों में से किसी पर भी उतर सकते हैं। दोनों ही मेट्रो स्टेशनों से यह झरना काफी पास में है। साकेत मेट्रो स्टेशन से इस झरने की दूरी करीब 3 किमी और कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन से यह सिर्फ 2 किमी की दूरी पर स्थित है। 

किसने बनवाया था ये झरना 

यह झरना प्राकृतिक नहीं है बल्कि मानव निर्मित है। इस झरने का निर्माण 1700 वीं शताब्दी के आसपास नवाब गाजियुद्दीन खान फिरोज जंग ने करवाया था। इस झरने का निर्माण फिरोज शाह तुगलक द्वारा जहाज महल पर बने शम्सी तालाब के अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए किया गया था। बाद में अकबर शाह द्वितीय और बहादुर शाह जफर जैसे मुगल बादशाहों ने यहां पर लाल किले के हयात हक्श पूल से प्रेरित निर्माण कार्य करवाया। यह झरना जहाज महल के शम्सी तालाब के अतिरिक्त जल की निकासी के लिए बनाया गया है। यहां पर अभी भी हर साल फूलवालों की सैर का आयोजन होता है। 

झरने को देखने के लिए कब जाए

राजधानी दिल्ली के इस झरने को देखने के लिए आप किसी भी समय जा सकते हैं। यह सातों दिन सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक खुला रहता है। 

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