New Delhi Railway Station Stampede: भगदड़ में पत्नी गुम, अस्पतालों में पति खोजते रहे, 'तारा कहां है?' जांच जारी

New Delhi Railway Station wife lost in stampede
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भगदड़ में पत्नी गुम, पति ने अस्पतालों में खोजा।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को हुई भगदड़ में अपनी पत्नी को खो देने वाले एक व्यक्ति की कहानी बेहद दर्दनाक है। गुरुवार को प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़े होकर वह अपनी पत्नी तारा देवी को ढूंढ रहे थे।

New Delhi Railway Station wife lost in stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में एक परिवार के लिए कुम्भ यात्रा एक भयावह रात में बदल गई। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्वातंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे गुप्तेश्वर यादव और उनका परिवार हादसे के बाद बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं।

पत्नी तारा देवी की खोज में गुप्तेश्वर यादव

52 साल के गुप्तेश्वर यादव अपने मोबाइल फोन पर अपनी 50 साल की पत्नी तारा देवी की एक तस्वीर दिखाते हुए कहते हैं, 'मैं उसे भीड़ में खो बैठा हूं।' तस्वीर में तारा देवी नीले रंग की साड़ी में नजर आ रही हैं, उनकी कलाईयों में चूड़ियां और माथे पर लाल सिंदूर चमक रहा है। वे कह रहे हैं कि मैंने उसका इंतजार किया, लेकिन वह नजर नहीं आई, गुप्तेश्वर धीमी आवाज में कहते हैं कि शनिवार रात हुई भगदड़ में बिछड़ गए हैं।

यह एक भयावह रात में बदल गई

गुप्तेश्वर का कहना है कि हम महाकुंभ के लिए यात्रा कर रहे थे, लेकिन यह एक भयावह रात में बदल गई। जब भगदड़ मची, तो वह अपनी पत्नी के साथ थे, लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, वह अलग हो गए। वह घटना को याद करते हुए कहते हैं कि मैं भीड़ को बस धकेलते हुए आगे बढ़ रहा था। जब मैंने पीछे मुड़कर तारा को ढूंढा, तो मेरी आंखों के सामने सिर्फ भीड़ दिखाई पड़ रही थी। थोड़ी भी जगह नहीं थी और न ही लोग सांस ले पा रहे थे, सब लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे।

अस्पतालों में रात भर की तलाश

गुप्तेश्वर और उनके भाई छितेश्वर ने रातभर अस्पतालों में अपनी पत्नी तारा की तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। छितेश्वर कहते हैं कि मुझे लगता है कि वह अब नहीं रही, लेकिन हम ऐसे उम्मीद नहीं छोड़ सकते।

घटना के साक्षी: दीगंबर मंडल

दीगंबर मंडल, जो 12 सालों से प्लेटफॉर्म 14 पर गीता प्रेस की किताबों की दुकान चलाते हैं, उन्होंने भी इस हादसे को नजदीक से देखा। वह कहते हैं कि पहले तो यह रोज की तरह ही एक शाम थी। मंडल बताते हैं कि महाकुम्भ मेला के यात्री स्टेशन पर आ रहे थे, लेकिन अचानक ट्रेन प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणाएं हुईं। तभी लोग घबरा गए और यह अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग फुट ओवरब्रिज की ओर दौड़ रहे थे, लेकिन भीड़ इतनी घनी थी कि हम आगे नहीं बढ़ पा रहे थे।

स्टेशन की स्थिति बदतर

घटना के बाद, रविवार को स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी और इलाके को बैरिकेड्स से घेर दिया गया था। प्लेटफॉर्म पर अब भीड़ कम हो गई थी, लेकिन गुप्तेश्वर और छितेश्वर के लिए राहत का कोई मौका नहीं मिला। छितेश्वर कहते हैं कि हम फिर से सुबह 7 बजे उठे और तारा की तलाश शुरू की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली।

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रेलवे प्रशासन की जांच और कार्रवाई

रेलवे प्रशासन ने घटना की जांच के लिए उच्च-स्तरीय समिति बनाई है। नर्सिंग देव, प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (PCCM), उत्तरी रेलवे ने कहा कि हमने सभी सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित कर लिया है और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

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