Delhi WaterLogging: दिल्ली की सड़कों पर नहीं होगा जलभराव, सरकार ने मंगाई एडवांस मशीनें

New Advanced machine for cleaning sewer in Delhi
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दिल्ली में सीवर की सफाई के लिए आई नई एडवांस मशीन।
Delhi Waterlogging: दिल्ली सरकार ने मुंबई से ट्रायल के लिए एडवांस रिसाइक्लर मशीन मंगवाई है। इससे शहर में सीवरों की सफाई की जाएगी, जिससे मानसून के समय सड़कों पर जलभराव की समस्या नहीं होगी।

Sewer Cleaning Machine: दिल्ली में हर साल मानसून के समय में सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे लोगों को काफी ज्यादा समस्या झेलनी पड़ती है। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली की बीजेपी सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर गदी हैं। दिल्ली सरकार ने मुंबई से एडवांस रिसाइक्लर मशीन मंगवाई है, जिससे सीवर की सफाई की जाएगी।

आज ग्रेटर कैलाश में इस मशीन का ट्रायल किया गया। इस दौरान जल मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने इस मशीन का निरीक्षण भी किया। बता दें कि यह एडवांस मशीनें है, जिसके बाद अब सीवर की सफाई के लिए किसी को सीवर के अंदर नहीं घुसना पड़ेगा।

'10-20 सालों से नहीं हुआ सीवरों की सफाई'

इस दौरान मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि मानसून के दौरान जलभराव को रोकने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाथ से मैला उठाने वालों को सीवर में उतरना पड़ता था। लेकिन, अब इस आधुनिक मशीन के साथ, पाइप बहुत अंदर तक जाती है। इससे किसी भी कर्मचारी को सीवर लाइनों में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा।

मंत्री ने कहा कि पिछले 10-20 सालों से सीवरों की सफाई नहीं हुई है, जिसके चलते बारिश के दौरान सड़कों पर पानी भर जाता है। इसी वजह से इन बड़ी मशीनों को मंगवाया गया है, जिससे सीवरों की सफाई की जा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सभी विधानसभाओं में एक-एक मशीन लगाने की कोशिश है।

32 सुपर सकर मशीनों का दिया गया ऑर्डर

मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि बारिश के मौसम में दिल्ली की सड़कों पर होने वाले जलभराव को रोकने के लिए यह मशीनें मंगवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई में ऐसी 100 और गुजरात में 30 मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते ही दिल्ली सरकार ने 32 सुपर सकर मशीनों का ऑर्डर दिया है।

बता दें कि मुंबई से मंगवाई गई रिसाइक्लर मशीन सीवर से गाद और गंदा पानी एक साथ खींचती है। इसके अलावा खींचे गए पानी को मशीन में ही शुद्ध कर दोबारा जेटिंग के लिए उपयोग किया जाता है। ऐसे में पानी की भी बचत होती है।

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