Ramayana Festival: इंटरनेशनल रामायण फेस्टिवल की शुरुआत, सात देशों के आर्ट और कल्चर की दिखेगी झलक

International Ramayana Festival
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इंटरनेशनल रामायण फेस्टिवल की शुरुआत।
International Ramayana Festival: दिल्ली के ऐतिहासिक पुराना किला में अंतरराष्ट्रीय रामायण मेले के 7वें संस्करण का केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उद्घाटन किया।

International Ramayana Festival: दिल्ली के मथुरा रोड स्थित ऐतिहासिक पुराना किला में अंतरराष्ट्रीय रामायण मेले के 7वें संस्करण का केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सैकड़ों बरसों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व देश की राजधानी में इंटरनेशनल रामायण फेस्टिवल का यह आयोजन हर रामभक्त और हर देशवासी के लिए गर्व का पल है।

'2025 में कई देशों में होगा रामायण मेले का आयोजन'

लेखी ने आगे कहा कि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की ओर से आयोजित इस मेले को हम इस वर्ष तो देश के हर उस नगर के साथ जोड़ रहे हैं, जहां जहां से श्रीराम का संबंध रहा है। वहां भी इस फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन 2025 में हम विश्व के कई और देशों में रामायण मेले का आयोजन करेंगे।

'विश्वास और धैर्य की प्रेरणा देने वाला महाकाव्य'

लेखी ने इस मौके पर कहा कि सात अलग-अलग देशों से आए कलाकार अपने देश में होने वाली रामलीला का मंचन आपके सामने इस मंच पर करेंगे। रामायण विश्वास और धैर्य की प्रेरणा देने वाला महाकाव्य है। यह मेला रामायण परंपराओं की जीवंत सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का जश्न मनाता है और दुनिया भर में भारतीय महाकाव्य से प्रभावित कला, नृत्य और इतिहास का एक मिश्रण है।

सात देशों की आर्ट और कल्चर की प्रदर्शनियां

इस महोत्सव में देखने और सीखने के लिए बहुत कुछ और हैं। इसमें सात देशों के आर्ट और कल्चर की प्रदर्शनियां देखी जा सकती हैं। रामायण फेस्टिवल के पहले दिन के कार्यक्रम में अग्निहोत्री बंधु ने संगीतमय प्रस्तुति दी। इसके अलावा 'राम की शक्ति पूजा' - व्योमेश शुक्ला के नेतृत्व में एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला रामायण नृत्य नाटक प्रस्तुत किया गया। 'फ्रा-लाक फ्रा-लैम' – लाओस के लुआंग प्रबांग रॉयल बैले थिएटर समूह द्वारा एक मनोरम रामायण का प्रदर्शन किया गया। मेले में इंडोनेशिया, थाईलैंड, म्यांमार, फिलीपींस, कम्बोडिया और अन्य देशों से रामायण से जुड़ी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी जा सकती हैं।

आईसीसीआर वर्ष 2024 को 'रामायण के माध्यम से विश्व को जोड़ने का वर्ष' के रूप में मना रहा है। इसमें विश्व स्तर पर देखी गई रामायण परंपराओं की विविध और शानदार सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।

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