PUC हो गई खत्म तो अब पेट्रोल पंपों पर कटेगा 10 हजार का चालान, परिवहन विभाग ने दी ये जानकारी

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दिल्ली में पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर कटेगा चालान।
PUC Certificate: ट्रायल के लिए यह व्यवस्था पिछले सोमवार से लागू कर दी गई है। परिवहन विभाग ने गाड़ियों के वैध पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर ई-चालान काटने शुरू कर दिए।

PUC Certificate: अगर आपके वाहनों का पीयूसी नहीं है, तो अब बच नहीं पाएंगे। परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों के चालान काटने के लिए दिल्ली के 25 पेट्रोप पंपों पर कैमरे लगा दिए हैं। कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट को पढ़कर यह पता लगाएंगे कि आपकी गाड़ी का पीयूसी सर्टिफिकेट वेलिड है या नहीं। अगर आपका प्रमाणपत्र वैध नहीं है, तो आपके फोन पर एक मैसेज भेजा जाएगा कि यह वेलिड नहीं है। इसे बनवा लीजिए। अगर आपने नहीं बनवाया तो तीन घंटे के अंदर आपका चालान काट दिया जाएगा।

परिवहन विभाग ने शुरू की नई व्यवस्था

ट्रायल के लिए यह व्यवस्था पिछले सोमवार से लागू कर दी गई है। परिवहन विभाग ने गाड़ियों के वैध पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर ई-चालान काटने शुरू कर दिए। चालान की जानकारी का मैसेज सीधे फोन पर आ रहा है। दिल्ली भर मे 950 जगहों पर पीयूसी सर्टिफिकेट बनाया जाता है। करीब-करीब सभी पेट्रोल पंप पर यह सुविधा मौजूद है। दिल्ली के लगभग 11 जिलों में दो पेट्रोल पंप ऐसे हैं, जहां पर कैमरों से निगरानी की जा रही है। कुछ जिलों में तीन पेट्रोल पंपों को चुना गया है।

परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि 25 पेट्रोल पंपो की लोकेशन को नहीं बताया जाएगा क्योंकि अगर लोगों को इस बात की जानकारी हो जाएगी तो वह यहां पर नहीं आएंगे। इस वजह से पेट्रोल पंप मालिकों को घाटा झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप मालिकों को आश्वसत किया गया है कि उनकी लोकेशन को उजागर नहीं किया जाएगा।

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पीयूसी जांच की दर

दो पहिया वाहनों की पीयूसी जांच के लिए 60 रुपये देने होते हैं। वहीं, चार पहिया वाहनों की जांच के लिए 80 रुपये चार्ज किए जाते हैं। डीजल वाहनों की जांच के 100 रुपये का शुल्क लिया जाता है। हालांकि, इसमें 18 फीसदी जीएसटी अलग से वसूली जाती है। एक अधिकारी ने यह भी कहा कि बहुत सारे लोग अपनी गाड़ियों की पीयूसी जांच से बचते हैं, लेकिन अब पेट्रोल पंपों पर कैमरे लग जाने के बाद में बच पाना मुश्किल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ नियमों को पालन करवाने के लिए नहीं है, बल्कि पॉल्यूशन को कम करने के लिए भी किया गया है।

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