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Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 मई तक के लिए बढ़ा दिया है।

Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया को राहत नहीं मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 7 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को भी कोर्ट ने 7  मई तक के लिए बढ़ा दिया है। आज यानी बुधवार को सीबीआई मामले में चार्जशीट पर करने पर अभी शुरू नहीं करने की मांग वाली याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा। वहीं सिसोदिया के वकील को कोर्ट से फटकार भी लगी।  

जब मामले की सुनवाई खत्म हुई, तब मनीष सिसोदिया के वकील और उनकी पार्टी के दूसरे लोग कोर्ट से वॉकआउट कर गए। इसी बात पर जज नाराज हो गए, उन्होंने गुस्से वाले लहजे में कहा कि हमने कोर्ट से बाहर जाने के लिए नहीं कहा था, हमारी इजाजत के बिना आप बाहर कैसे चले गए। कोर्ट में हुए इस गजब चीजों को देख मनीष सिसोदिया भी हैरान रह गए। 

कोर्ट ने 30 अप्रैल तक फैसला सुरक्षित रखा 

ईडी और सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों और सिसोदिया के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश 30 अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया। सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव का प्रचार करने लिए अंतरिम जमानत याचिका दायर की है। हालांकि सिसोदिया के वकील की ओर से कहा गया कि नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित किए जाने के कारण वह याचिका बेकार है। 

सिसोदिया पिछली साल हुए थे गिरफ्तार 

शराब घोटाला मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को जेल में रहते हुए एक साल से भी ज्यादा समय बीत चुका है। ईडी ने सीबीआई की जांच के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इस मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी गिरफ्तार हो चुके हैं। जबकि आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बाद में जमानत मिल गई।

सिसोदिया पर लगाए ये आरोप 

ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गई, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया।  लाइसेंस शुल्क को या तो माफ किया गया या फिर कम। सभी को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस दिए गए।

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