बीवी की बेवफाई मामले में कोर्ट पहुंचा पति: दिल्ली हाईकोर्ट की जज बोलीं- वो आपकी प्रॉपर्टी नहीं, महाभारत का दिया उदाहरण 

Delhi High Court Decision on Adultery Case
X
दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यभिचार मामले में दिया फैसला।
Delhi Highcourt: दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यभिचार के एक मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी शख्स को बरी कर दिया। साथ ही पति को महाभारत काल से द्रोपदी का उदाहरण देते हुए पत्नी को संपत्ति समझने को लेकर फटकार लगाई। 

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यभिचार केस में शख्स को किया बरी, महाभारत की द्रौपदी का दिया उदाहरणदिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यभिचार के मामले में आरोपी शख्स को बरी कर दिया। एक महिला के पति ने इस शख्स पर अपनी पत्नी के साथ अवैध संबंध का आरोप लगाया था।

कोर्ट ने सुनवाई के बाद न केवल आरोपी को बरी किया, बल्कि महाभारत के द्रौपदी प्रसंग का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं को संपत्ति समझने की मानसिकता के कारण ही युधिष्ठिर ने द्रौपदी को जुए में दांव पर लगाया, जिससे महाभारत का युद्ध हुआ। कोर्ट ने इस मामले में महिलाओं को संपत्ति मानने की सोच पर गहरी टिप्पणी की।

याचिका को किया जाना चाहिए रद्द
दरअसल, एक युवक (पति) ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी के किसी युवक के साथ अवैध संबंध थे। वे दूसरे शहर भी गए और एक साथ होटल में रुके। पति की सहमति के बिना उनके बीच अवैध संबंध बने। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया। वहीं सत्र अदालत ने इस मामले को खारिज कर दिया। हालांकि हाई कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले पर विचार करते हुए कहा कि महिला के पति द्वारा दायर याचिका को रद्द किया जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा मंजीत महल गैंग का शूटर, गैंगवार को अंजाम देने पहुंचा था आरोपी

सुनवाई के दौरान जज ने दिया महाभारत का उदाहरण
व्यभिचार के इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने आईपीसी की धारा 497 के तहत व्यभिचार अपराध को असंवैधानिक बताया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विस्तार से चर्चा की। जस्टिस ने कहा 17 अप्रैल को दिए अपने फैसले में कहा कि महिला को पति की संपत्ति माना जाता है और महाभारत में इसके विनाशकारी परिणाम देखे गए, जो अच्छी तरह से वर्णित हैं। पांडवों ने जुए के खेल में अपनी पत्नी द्रौपदी को लगा दिया था। द्रोपदी के पास अपनी गरिमा की रक्षा के लिए विरोध करने के लिए भी आवाज नहीं थी। इसके बाद पांडव अपनी पत्नी को ही जुए में हार गए और महाभारत का महान युद्ध हुआ। इस दौरान बड़े पैमाने पर लोगों की जान गईं।

ऐसे में एक महिला को संपत्ति समझने के ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं। इसके बावजूद हमारे समाज की स्त्रियों को द्वेष का सामना करना पड़ता है। स्त्री-द्वेषी मानसिकता वाले लोगों को ये तभी समझ में आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने धारा 497 IPC को असंवैधानिक घोषित कर दिया।

ये भी पढ़ें: Who is Swaran Singh: जेएनयू में जापानी महिला से छेड़छाड़ का मामला... जानिये आरोपी प्रोफेसर स्वर्ण सिंह के बारे में

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story