Delhi High Court कोर्ट से रेहड़ी-पटरी वालों को राहत, कहा- पुलिस अधिकारी कार्रवाई न करें

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रेहड़ी-पटरी वालों पर कार्रवाई करने से दिल्ली पुलिस को रोका।
Delhi News: याचिकाकर्ता मेट्रो पिलर नंबर-85 के पास धौला कुआं, गुड़गांव बस स्टैंड पर के पास खाली जमीन पर अपनी रेहड़ी-पटरी लगाते हैं।

Delhi News: गुड़गांव बस स्टैंड के पास रेहड़ी-पटरी लगाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले दुकानदारों को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने ऐसे 17 फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई से दिल्ली पुलिस को रोक दिया है। जस्टिस विभू बाखरू और जस्टिस तारा वितस्ता गूंज की बेंच ने कहा कि पुलिस याचिकाकर्ताओं को ऐसे ही परेशान नहीं कर सकती है। एजेंसी को जांच के मामले में स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने का अधिकार तभी है, जब लैंड ओनिंग एजेंसी या जमीन का मालिकाना हक रखने वाली एजेंसी उसे ऐसा करने के लिए कहे या फिर अनुरोध करें।

17 वेंडर्स ने दायर की याचिका

इस संबंध में कंटोनमेंट बोर्ड ने खुद कहा है कि इन्हें अपनी जगह पर लगने दिया जाए। एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्र ने बताया दिल्ली पुलिस का हक नहीं बनता है कि वह इन्हें वहां पर बैठने से मना कर दें। सुरेंद्र कुमार समेत 17 वेंडर्स की ओर से याचिका दायर कर मामले में दखल देने वाले हाई कोर्ट से अनुरोध किया। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता मेट्रो पिलर नंबर-85 के पास धौला कुआं, गुड़गांव बस स्टैंड पर के पास खाली जमीन पर अपनी रेहड़ी-पटरी लगाते हैं। यह इलाका दिल्ली कंटोनमेंट बोर्ड के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आता है। स्ट्रीट वेंडर्स एक्स-2014 की धारा 3(3) के अनुसार, इनका सर्वे हो चुका है और इन्हें वहां बैठने की मान्यता हासिल है।

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याचिकाकर्ताओं ने किया दावा

याचिकाकर्ताओं ने इस बात को लेकर परेशानी जताई है कि उन्हें टाउन वेंडिंग कमिटी द्वारा इनके पक्ष में आदेश जारी करने के बावजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारी इन लोगों को शांति से काम नहीं करने दे रहे हैं। पुलिस के रुख को देख अन्य विभाग के अधिकारी भी इन्हें परेशान करने में लगे हैं, इसलिए इन्हें मदद के लिए अदालत का सहारा लेना ही पड़ा। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की टाउन वेंडिंग कमेटी की प्रस्तावना के बावजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारी उन्हें रोजाना परेशान करते हैं और उन्हें वहां से हटा देते हैं।

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