दिल्ली हाई कोर्ट का ED को निर्देश, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप एक साल में साबित करें वरना लौटानी होगी जब्त संपत्ति

Delhi High Courts instructions to ED
X
दिल्ली हाई कोर्ट का प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भूषण स्टील एंड पावर के महेंद्र खंडेवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को ये निर्देश दिए हैं।

देशभर में प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। कई आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं, वहीं कई आरोपियों की संपत्ति भी जब्त हो चुकी है। इस कड़ी में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग केस में संपत्ति जब्त की जाती है, तो जांच एजेंसी को एक साल के भीतर आरोप साबित करना होगा। ऐसा न होने पर संपत्ति की जब्त अवधि स्वयं खत्म होती है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने भूषण स्टील एंड पावर के महेंद्र खंडेवाल की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि ईडी ने फरवरी 2021 में उनके घर छापा मारकर ज्यूलरी और दस्तावेज जब्त किए। उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए, वो ईडी साबित नहीं कर सकी। याचिकाकर्ता ने कहा कि जब्त संपत्ति भी नहीं लौटाई गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की कि उनकी जब्त संपत्ति लौटाई जानी चाहिए।

'संपत्ति जब्त करने का प्रावधान बेहद कड़ा'

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मनी लॉन्डिंग केस की अदालती कार्यवाही शुरू होने से ही मामले में लंबित अवधि की शुरुआत होती है। इसमें समन को चुनौती देना या जब्ती संपत्ती को चुनौती देना शामिल नहीं होता है। हाई कोर्ट ने ईडी को निर्देशित करते हुए कहा कि संपत्ति जब्त करने का प्रावधान बेहद कड़ा है। जांच एजेंसी को जब्ती कार्रवाई सोच समझकर करनी चाहिए और एक साल के भीतर आरोप को साबित करना चाहिए। अगर एक साल के भीतर एक भी आरोप साबित नहीं होता है, तो संपत्ति की जब्त अवधि स्वयं समाप्त हो जाती है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story