आशीष सूद ने खोली केजरीवाल की पोल: बोले- 20 हजार नहीं सिर्फ 7000 क्लासरूम बनाए, इसमें भी हेराफेरी

Education Minister Ashish Sood Targeted Arvind Kejriwal for Classrooms
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शिक्षा मंत्री ने अरविंद केजरीवाल पर क्लासरूम बनाने के मुद्दे पर साधा निशाना।
Ashish Sood: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पूर्व सरकार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है। कहा है कि शिक्षा क्रांति लाने वाले लगातार लोगों को गुमराह कर रहे थे। लेकिन अब...

Ashish Sood: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आप नेताओं की तरफ से पावर कट को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया, तो वहीं शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने क्लासरूम्स को लेकर अरविंद केजरीवाल को घेरा है। आशीष सूद ने आप सरकार के कार्यकाल में स्कूलों में हुए कामकाज को लेकर विधानसभा में निशाना साधा। सूद ने कहा कि 'केजरीवाल सरकार दावा करती है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में 20 हजार क्लासरूम बनवाए लेकिन जांच में ये केवल 7000 ही निकले। लगता है केजरीवाल जी ने टॉयलेट और स्टोर रूम आदि भी क्लास रूम में गिन लिए।'

20 हजार नहीं केवल 7000 बने क्लासरूम

मंत्री ने कहा 'शिक्षा क्रांति' लाने वाले और 'सपनों का स्कूल' बनाने वालों ने टॉयलेट और स्टोर रूम भी क्लासरूम के साथ मिलाकर गिन लिए। जो आप 20,000 कमरे बताते हैं, वे असल में 7000 क्लास रूम ही हैं। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 'एक दिन तुम्हारे कर्म तुमसे मिलने जरूर आएंगे, उस दिन हैरान मत होना।'

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'काम से ज्यादा प्रचार में किया खर्च'

आशीष सूद ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि 'केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में काम से ज्यादा प्रचार करने में खर्च किया गया। उन्होंने कहा 'हैप्पिनेस कर्रिकुलम में 4 करोड़ रुपए खर्च हुए लेकिन इसके प्रचार के लिए 20 करोड़ 87 लाख रुपए खर्च हुए। देश भक्ति कर्रिकुलम के प्रचार के लिए केजरीवाल सरकार ने 11 करोड़ 49 लाख रुपए खर्च किए। वहीं देश भक्ति कर्रिकुलम के लिए केवल 49 लाख रुपए खर्च हुए।'

'दिल्ली से ज्यादा मणिपुर शिक्षा पर खर्च करती है'

उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं को घेरते हुए कहा कि जो लोग हर बार मणिपुर की बात करते हैं, वो दिल्ली की शिक्षा पर केवल 1.5 फीसदी खर्च कर रहे थे। उन्हें शायद पता नहीं है लेकिन दिल्ली से ज्यादा मणिपुर शिक्षा पर खर्च करती है। खुद को गरीबों का मसीहा बताने वाली सरकार शिक्षा के नाम पर भी भ्रष्टाचार करती आई है।

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