Delhi Chath Puja 2024: दक्षिणी दिल्ली में छठ पूजा घाट को लेकर AAP और BJP के बीच विवाद, सौरभ भारद्वाज का बड़ा आरोप

Saurabh Bhardwaj
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आप नेता सौरभ भारद्वाज।
दक्षिणी दिल्ली में छठ पूजा घाट को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच विवाद हो गया है। AAP के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 

Delhi Chath Puja 2024: दक्षिणी दिल्ली में छठ पूजा घाट को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच विवाद गहराता जा रहा है। AAP के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि "यहां (छठ पूजा घाट) पर इतनी भारी सुरक्षा क्यों तैनात की गई है?" उन्होंने आरोप लगाया कि BJP सांसद बांसुरी स्वराज अपनी मां की विरासत को नहीं निभा रही हैं और अपने पार्टी नेताओं को यहां भेजकर सही तरीके से मामला नहीं संभाल रही हैं। उन्होंने चैलेंज किया कि बांसुरी स्वराज भगवद गीता पर हाथ रखकर कहें कि पिछले आठ सालों से विश्वजीत की समिति ने यहां छठ पूजा आयोजित की है या नहीं।

घाट को किलेबंद कर देने पर कैसे पूजा करेंगे लोग?

इस विवाद की जड़ में यह है कि विश्वजीत नामक व्यक्ति और उनकी समिति पिछले आठ वर्षों से इस घाट पर छठ पूजा मना रही हैं, जिसके लिए दिल्ली सरकार ने फंड आवंटित किया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस बार पूजा मनाने की अनुमति नहीं दी है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी फैल गई है। भारद्वाज ने इसे "गुंडागर्दी" करार देते हुए कहा कि यदि घाट को किलेबंद कर दिया गया तो लोग कैसे पूजा करेंगे।

BJP सांसद बांसुरी स्वराज का पलटवार

वहीं, BJP सांसद बांसुरी स्वराज ने इसका विरोध करते हुए कहा कि 23 सितंबर को जनसेवा समिति ने DDA से छठ पर्व मनाने की अनुमति ली थी। उन्होंने मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया कि उन्होंने DDA के पास जाकर अनुमति नहीं ली और घाट की खुदाई के समय समिति के सदस्यों के साथ बदसलूकी की। स्वराज ने कहा, "सौरभ भारद्वाज माताओं और बहनों की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।"

BJP सांसद मनोज तिवारी ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया

BJP सांसद मनोज तिवारी ने भी AAP पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार जानबूझकर लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है। उन्होंने मांग की कि छठ समिति को मिलने वाले फंड के लिए AAP किसी व्यक्ति को अधिकारी नियुक्त कर देती है, जबकि असली मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। हालांकि, यह विवाद दिल्ली के राजनीतिक माहौल को और भी गरमा रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का समाधान कैसे निकलता है।

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