1984 Anti Sikh Riots: 437 पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी, LG ने दी मंजूरी, 19 को होगा कार्यक्रम

Delhi LG VK Saxena
X
भीड़ हिंसा के पीड़ितों को मिलेगा अब मुआवजा।
1984 Riots: दिल्ली में 1984 के सिख दंगों के 437 पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलने जा रही है। इसको लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने स्वीकृति दे दी है।

1984 Riots: दिल्ली में 1984 के सिख दंगों के 437 पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलने जा रही है। जिसके लिए उम्र और शिक्षा दोनों में पीडितों को बड़ी छूट दी गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मीत प्रधान आत्मा सिंह लुबाना ने बताया कि इस मौक पर कमेटी के भाई लक्खी शाह वंजारा हॉल में आगामी 19 जुलाई को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

437 पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मीत प्रधान आत्मा सिंह लुबाना ने कहा है कि कई वर्षों से इस मामले में संघर्ष कर रहे हैं। पहले 16 जनवरी, 2006 को भारत सरकार ने फैसला किया था कि हर शहीद परिवार के लोगों को नौकरी दी जाएगी। इसमें दिल्ली सरकार ने 2007 में कैबिनेट नोट लाया था, जिसमें कहा गया था कि जिन परिवारों के सदस्य शहीद हुए और घायल हुए उन्हें नौकरी दी जाएगी।

पिछले साल 22 लोगों को दी गई थी नौकरी

कमेटी के प्रयासों की बदौलत 27 नवंबर, 2019 को हाई कोर्ट की एक डबल बेंच का आदेश आया था कि हर परिवार को नौकरी दी जाए और अगर नौकरी नहीं दे सकते, तो कारण बताया जाए। उन्होंने बताया कि पिछले साल ऐसे ही 22 लोगों को नौकरी दी गई थी और बाद में ताजा अर्जियां जमा करवाई थीं।

LG ने दी मंजूरी

उन्होंने बताया कि अब दिल्ली कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा, मौजूदा प्रधान हरमीत सिंह कालका और जनरल सेक्रेटरी जगदीप सिंह काहलों के अमूल्य सहयोग से किए प्रयासों को हाल ही में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने स्वीकृति दी है और आदेश जारी किए हैं कि इन परिवारों का सत्यापन किया जाए। उन्होंने बताया कि दिल्ली के 9 जिलों जिसमें वेस्ट, नॉर्थ वेस्ट, साउथ वेस्ट, सेंट्रल, नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ में सभी एसडीएम को पत्र भेजा गया है और सत्यापन के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि इन 9 जिलों में 437 परिवारों के बच्चों को नौकरी मिलने वाली है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story