Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की मदद कर रहा ICJS सिस्टम, खोल रहा अपराधियों की पोल

दिल्ली पुलिस
Delhi Crime News: दिल्ली में पिछले साल केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर अपराधियों का डाटा कलेक्ट करने के लिए इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम शुरू किया गया। अब इसके परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं, जो काफी उत्साहजनक हैं। हालांकि अभी इस सिस्टम को सभी संस्थाओं से जुड़़ने में लगभग दो सालों का समय लग सकता है।
आईसीजेएस ने खोली अपराधी की पोल
बता दें कि हाल ही में दिल्ली के तिलक नगर इलाके में पुलिस ने एक चोर को गिरफ्तार किया। इसके पुराने अपराधों की कुंडली खंगालने के लिए आईसीजेएस की मदद ली गई। अपराधी के डोजियर को सिस्टम पर अपलोड किया गया। फोरेंसिक लैब से आए अलर्ट से उसके दो पुराने मामलों में शामिल होने की जानकारी पुलिस के हाथ लग गई।
साल 2023 में की थी 75 लाख की चोरी
जानकारी के अनुसार, इसी बदमाश ने साल 2023 में सरिता विहार इलाके में 40 लाख की चोरी की थी। इसके अलावा न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में 35 लाख की चोरी की थी। इन दोनों मामलों में चोरी वाली जगह पर फिंगर प्रिंट के नमूने मिले थे। फोरेंसिक टीम ने इन नमूनों को सिस्टम में अपलोड किया था। हालांकि उस समय पुलिस इस आरोपी का पता नहीं लगा पाई थी। नए मामले में पकड़े जाने पर आरोपी की आपराधिक कुंडली खुल गई और तीन साल बाद दोनों केस सुलझा लिए गए।
एक साथ जुड़ जाएंगी सभी एजेंसियां
ICJS सिस्टम को लाने का मकसद है कि अपराधी और मुकदमे से जुड़ी एजेंसियों को संबंधित जानकारी आसानी से मिल सके। ICJS सिस्टम की मदद से सभी राज्यों की संबंधित एजेंसियां एक साथ जुड़ जाएंगी।
2012 में आया था CCTNS
बता दें कि गृह मंत्रालय की तरफ से साल 2012 में अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) लाया गया था। इसकी मदद से राज्यों की पुलिस आपस में जुड़ती है। CCTNS से राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो भी जुड़ा हुआ है। हालांकि ये सिस्टम उतना कारगर नहीं हो सका।
