Delhi News: दिल्ली में सीवेज के आधार पर वसूला जाएगा व्यावसायिक संस्थानों का बिल, पानी चोरी पर लगेगी लगाम

Delhi News: दिल्ली में व्यावसायिक संस्थानों पर पानी चोरी करने का आरोप है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा होटलों, शॉपिंग मॉल, बैंक्वेट हॉल आदि पर अवैध तरीके से भूजल दोहन करने और टैंकरों के जरिए पानी चोरी करने को लेकर चिंता जताई गई। इसके बाद एनजीटी ने दिल्ली सरकार को पानी चोरी रोकने के आदेश दिए गए।
दिल्ली में 50 फीसदी पीने का पानी होता है बर्बाद
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पेयजल प्लांट्स से मिलने वाले पानी का 50 फीसदी या तो लीकेज के कारण बर्बाद हो रहा है, या चोरी हो रहा है। इसके कारण दिल्ली में जल संकट का खतरा बढ़ता है और साथ ही दिल्ली सरकार के राजस्व को भी नुकसान होता है।
पानी की निगरानी के लिए लगाए गए जीपीएस
पिछले तीन महीने में पानी की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं। दिल्ली सरकार ने पानी की चोरी को रोकने के लिए टैंकरों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया गया। इसके अलावा टैंकरों के जरिए पानी की निगरानी रखने के लिए सेंटर भी बनाया गया। इसके बाद अब दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी होटलों, शॉपिंग मॉल, बैंक्वेट हॉल और निजी अस्पतालों समेत अन्य बड़े व्यावसायिक संस्थानों के पानी का बिल उनसे निकलने वाले सीवेज के आधार पर वसूलने का फैसला लिया है।
पानी की चोरी करने वालों पर लगेगी लगाम
इस बारे में जानकारी देते हुए जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पिछली सरकारों की लापरवाही के कारण होटल, मॉल, निजी अस्पतालों आदि के पास वैध पानी के कनेक्शन नहीं हैं। इसके कारण सरकार के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि वे पानी कहां से लाते हैं। इन जगहों से हर दिन लाखों लीटर गंदा पानी सीवर में डाला जाता है। अब मुफ्त में पानी लेकर करोड़ों रुपए कमाने वाले लोगों की मनमानी खत्म होगी। अब ऐसे लोगों को पानी का पूरा हिसाब देना होगा।
