Civil Defence Volunteer: दिल्ली में आपदा से बचाव के लिए 1.70 लाख CDV मौजूद, इमरजेंसी के समय होंगे तैनात

सिविल डिफेंस वॉलंटियर।
Civil Defence Volunteer: किसी भी तरह की आपदा से राहत और बचाव कार्य के लिए सिविल डिफेंस वालंटियर (CDV) एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। राजधानी दिल्ली में बहुत से सिविल डिफेंस वालंटियर मौजूद हैं, जो संकट के समय राहत देने का कार्य करते हैं। इनमें व्यापारी, हाउसवाइफ और कॉलेज के स्टूडेंट शामिल हैं। ये वॉलंटियर्स लड़ाई नहीं लड़ते हैं, लेकिन दुश्मन की ओर से किसी भी हमले या बड़ी आपदा के समय जान-माल की सुरक्षा करने का काम करते हैं।
इसके अलावा अग्निशमन, बचाव अभियान, संचार और हताहतों और शवों को संभालने जैसी 12 विशेष सेवाओं में अपना योगदान देते हैं। सिविल डिफेंस वालंटियर प्रशासन के साथ मिलकर काम करते हैं। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान समय में दिल्ली के अंदर करीब 1 लाख 70 हजार सिविल डिफेंस वॉलंटियर रजिस्टर्ड हैं। वहीं, कोविड-19 महामारी के पहले इनकी संख्या 50 हजार थी।
मॉक ड्रिल के दौरान तैनात किए गए थे CDV
सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स सरकारी कर्मचारी नहीं होते हैं, लेकिन जब जरूरत होती है तो उन्हें जिला अधिकारियों द्वारा बुलाया जाता है। बता दें कि बीते मंगलवार को दिल्ली में सभी जगहों पर मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान 4 हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स को तैनात किया गया था। दिल्ली में अभी कुल 1 लाख 70 हजार वॉलंटियर हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर और भी लोगों की भर्ती किया जा सकता है।
वॉलंटियर को मिलता है रोजाना खर्च का पैसा
बता दें कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर बनने के लिए कोई क्राइटेरिया नहीं होता है। 18 साल से ऊपर का हर युवा सिविल डिफेंस वॉलंटियर बन सकता है। साथ ही इसमें महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं। इन वॉलंटियर्स को ज्यादा समय तक तैनाती के लिए रोजाना 902 रुपए का भुगतान भी किया जाता है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि 2024 में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए करीब 2 हजार सिविल डिफेंस वॉलंटियर को ज्यादा समय के लिए तैनात किया गया था, उन्हें मुआवजा भी मिला था।
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