Zohran Mamdani: जोहरान ममदानी का दिल्ली से गहरा नाता, 'देशभक्ति' से भटक विवादों में फंस गए?

zohran mamdani delhi connection
X

जोहरान ममदानी का दिल्ली से गहरा नाता। 

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर बनने की दौड़ में शामिल जोहरान ममदानी का दिल्ली से गहरा नाता है। वहीं, एक विवाद भी उनके चुनाव जीतने की राह में अड़चन डाल रहा है।

अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी के उम्मीदवार जोहरान ममदानी का दिल्ली से गहरा नाता है। उनकी मां मीरा नायर ने स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज में की थी। प्रथम सत्र के बाद उन्होंने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया और छात्रवृत्ति हासिल करने के बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया।

आप सोच रहे होंगे कि इसके बाद इस परिवार का दिल्ली से नाता टूट गया होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। आज भी यह परिवार खुद को दिल्ली का परिवार बताता है। मीरा नायर के पास तीन घर हैं, जिनमें से एक घर दिल्ली के वसंत विहार में है। खास बात है कि बाकी दो घरों को लेकर जोहरान ममदानी विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। इस खबर में यह पूरा मामला समझाएंगे, लेकिन सबसे पहले दिल्ली कनेक्शन की बात करते हैं।

दिल्ली को सफलता का मंत्र बताया

जोहरान ममदानी की मां मीरा नायर का जन्म 15 अक्टूबर 1957 को उड़ीसा में हुआ था। उनके पिता अमृत लाल नायर भारतीय प्रशासनिक सेवा में अधिकारी थे, जबकि मां प्रवीण नायर सामाजिक कार्यकर्ता थी। मीरा नायर का बचपन उड़ीसा में ही गुजरा, लेकिन परिवार पंजाबी मूल का है, जिसकी जड़ें दिल्ली से जुड़ी हैं। 19 साल की उम्र में मीरा नायर ने डीयू के मिरांडा हाउस कॉलेज में पढ़ाई करने के एक साल के भीतर ही उन्होंने छात्रवृत्ति के आधार पर हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया।

यहां उनका रुझान वृत्तचित्र फिल्म निर्माण की तरफ होने लगा। उन्होंने हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में अपनी फिल्म थीसिस के लिए 1978 से 1979 के बीच पहली डॉक्यूमेंट्री बनाई। इसका नाम 'जामा मस्जिद स्ट्रीट जर्नल' रखा गया था। इसमें पुरानी दिल्ली की सड़कों और दिल्ली के लोगों से अनौपचारिक बातों को साझा किया था। एक इंटरव्यू में कहा था कि दिल्ली में गुजरे वक्त ने बेहद संवेदनशील बनाया, जिसकी वजह से आम लोगों की पीड़ा को सजीव तरीके से दिखाने में कामयाब हो पाईं।

क्वामे ने जोहरान ममदानी को दिल्ली से जोड़ा


दिल्ली के चाणक्यपुरी में क्वामे नक्रूमा मार्ग का साइन बोर्ड लगा है। क्वामे नक्रमा अफ्रीकी देश घाना के प्रथम प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति थे। न्यूयॉर्क की मेयर रेस में आगे बढ़ रहे जोहरान ममदानी का पूरा नाम जोहरान क्वामे ममदानी है। उनके नाम में क्वामे शब्द उनके पिता मोहम्मद ममदानी ने जोड़ा था। दरअसल, क्वामे नक्रूमा अफ्रीकी स्वतंत्रता आंदोलन के शीर्ष नेताओं में शुमार थे। ऐसे में अपने बेटे जोहरान ममदानी के नाम में क्वामे नाम जोड़ दिया था ताकि वे स्वतंत्रता आंदोलन की याद ताजा बनी रहे। बताया जाता है कि 1983 में गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ, तब दिल्ली की इस सड़क का नाम क्वामे नक्रूमा मार्ग रख दिया गया था, जो आज तक बरकरार है।

तीन घर, लेकिन दिल्ली वाला बेहद खास

जोहरान क्वामे ममदानी का जन्म युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद ममदानी कंपाला से हैं। मीरा नायर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें तीन घर रखने का सौभाग्य मिला। पहला घर दिल्ली के वसंत विहार में है, दूसरा घर कंपाला में विक्टोरिया झील के सामने स्थित है। तीसरा घर न्यूयॉर्क सिटी में है।

उन्होंने कहा कि इन तीनों घरों में दिल्ली वाला घर सबसे बेहद करीब है। यहां खिड़की से हुमायूं का मकबरा, खान-ए-खाना की महान दरगाह को देख सकती हूं। उन्होंने कहा कि यह घर मेरे सहकर्मियों और दोस्तों के लिए बेहद यादगार घर है। निर्देशक राहुल वी चिट्टेला का भी कहना था कि उनकी फिल्म 'गुलमोहर' के साकार होने में भी इस घर ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा भी कई डॉक्यूमेंट्री और फिल्मों को बनाने में भी इस घर ने अहम योगदान दिया है।

ममदानी संपत्ति को लेकर विवादों में फंसे

द न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जोहरान ममदानी को अपनी माता पिता की संपत्ति को लेकर निशाना बनाया जा रहा है। आलोचक उन्हें नेपो बेबी बता रहे हैं। इशारा कर अनुमान जता रहे हैं कि उनके माता पिता के पास 2 मिलियन डॉलर से लेकर 10 मिलियन डॉलर तक की संपत्ति हो सकती है, जो कि समाजवाद की मूल भावना को कमजोर करती है।

बता दें कि जोहरान ममदानी ने प्रचार करते हुए कहा था कि अमीर लोगों से ज्यादा टैक्स वसूलेंगे और गरीबों को टैक्स से मुक्ति दिलाएंगे। परिवहन सेवाएं फ्री की जाएंगी और करियाना सामान भी सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा भी कई वादे किए गए हैं। लेकिन, संपत्ति के चलते आलोचक आरोप लगा रहे हैं कि वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं क्योंकि कोई भी अमीर शख्स अपने पांवों पर कुल्हाड़ी नहीं मारेगा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story