Yamuna Pollution: यमुना में नहीं दिखेगा विषैला सफेद झाग? देश-विदेश के 106 छात्रों ने कर दिया कमाल

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यमुना नदी में प्रदूषण।

देश-विदेश के 106 छात्रों ने मिलकर यमुना को विषैले सफेद झाग से मुक्ति दिलाने के लिए एक्सपेरिमेंट किया। अब इनका दावा है कि यह एक्सपेरिमेंट सफल साबित हुआ है।

यमुना प्रदूषण दिल्ली की राजनीति का अहम मुद्दा रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को जिन मुद्दों पर हार का सामना करना पड़ा था, उसमें यमुना प्रदूषण का मुद्दा भी शामिल था। अब दिल्ली की सत्ता बीजेपी के हाथों में है। खास बात है कि नई सरकार ने शपथ ग्रहण से पहले ही यमुना को स्वच्छ करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया। लेकिन, जानकारों की मानें तो यह चुनौती इतनी बढ़ी है कि यमुना को साफ करने में कम से कम तीन से चार साल का समय लग जाएगा। इस बीच, 106 छात्रों ने दावा कर दिया है कि अगर उन्हें मौका दिया गया तो यमुना में दिखने वाले विषैला सफेद झाग को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली आईआईटी के युवा अन्वेषकों ने ऐसा एक्सपेरिमेंट किया है, जिसकी मदद से यमुना में विषैले सफेद झाग को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। 'एक्वा नोवा' नामक ग्रुप ने चेंज मेकर्स 2025 समर बूटकैंप में यमुना को साफ करने के लिए बायोरेमेडिएशन सिस्टम को विकसित किया है। यह सिस्टम 2 चरणों पर आधारित है। इस ग्रुप में शामिल देश विदेश के 106 छात्रों ने लक्ष्य रखा था कि यमुना में फास्फेट और नाइट्रेट का स्तर नियंत्रित किया जा सके।

दरअसल, फास्फेट और नाइट्रेट के संयोजन की वजह से ही यमुना में विषैले सफद झाग बनते हैं। मीडिया से बातचीत में इस ग्रुप ने बताया कि हमने प्री-फिल्टरेशन यूनिट स्थापित की, जो कि Total Suspended Solids यानी कुल निलंबित ठोस को हटाता है। इसके बाद क्लोरेला वल्गेरिस आधारित फोटोबायोरिएक्टर होता है, जो कि नियंत्रित प्रकाश में नाइट्रेट और फॉस्फेट को तोड़ने में सक्षम पाया गया है। एक्वा नोवा टीम ने कहा कि शुरुआती परीक्षणों से पता चला कि प्रोटोटाइप ने नाइट्रेट के स्तर को सुरक्षित सीमा तक प्रभावी ढंग से कम कर दिया। ऐसे में यह यमुना के प्रदूषित पानी के लिए संभावित समाधान बन सकता है। टीम ने कहा कि हम यमुना को साफ करने का विचार लेकर आए थे, लेकिन अब लग रहा है कि हम इस विश्वास को पूरा करने के लिए काम कर रहे थे।

अन्य टीमों ने भी प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया
चेंज मेकर्स 2025 समर बूटकैंप में कई टीमों ने हिस्सा लिया। ज्यादातर टीमों ने प्लास्टिक कचरे, वायु प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन जैसी समस्याओं से निपटने की दिशा में प्रयोग किए। छात्रों ने कहा कि यमुना नदी एक पवित्र नदी है। अगर सरकार का समर्थन मिलता है, तो यमुना के पुनरुद्धान के लिए खाका तैयार हो सकता है।

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