Monsoon Rain Delhi: दिल्ली मूसलाधार बारिश को तरस रही, यमुना दे रही बाढ़ का संकेत

यमुना दे रही मानसून की बारिश से पहले बाढ़ के संकेत।
दिल्ली के लोग पिछले करीब पांच दिनों से मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार को तो सुबह जिस तरह से काले बादल छाए थे, उसके चलते भरोसा चला हो गया था शाम तक तेज बारिश शुरू हो जाएगी। बावजूद इसके दोपहर को जिस तरह से उमस बढ़ी और शाम ढलने के बाद भी मौसम गर्म रहा, उसके मद्देनजर लोगों की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। आज भी सुबह से लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग की मानें तो कल यानी 27 जून तक मानसून दिल्ली की दहलीज पर पहुंच जाएगा, जिसके बाद तेज बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। बहरहाल, जिस तरह से मौसम विभाग की भविष्यवाणी गलत साबित हुईं हैं, उसके मद्देनजर इस पर पूरी तरह से भरोसा करना आसान नहीं है। हालांकि यह अवश्य है कि बारिश हो या न हो, लेकिन यमुना ने अभी से बाढ़ का संकेत दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में भले ही बारिश नहीं हुई है, लेकिन पहाड़ों पर जरबदस्त बारिश हो रही है। इसके चलते यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हथिनीकुंड बैराज के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते बुधवार को शाम 6 बजे तक 15346 क्यूसेक पानी दर्ज हुआ है। इसमें से 12984 क्यूसेक पानी को पश्चिमी यमुना नहर में छोड़ दिया गया है, जो कि हरियाणा से होता हुआ दिल्ली तक पहुंचेगा। वहीं, यूपी के लिए भी 210 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
अधिकारियों की मानें तो हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी गुरुवार शाम तक दिल्ली पहुंच जाएगा। अधिकारी लगातार हथिनीकुंड बैराज के जलस्तर पर निगरानी रख रहे हैं। चूंकि बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, लिहाजा पानी बाढ़ के संकेत को छू सकता है। बता दें कि यमुना में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी आने से बाढ़ के संकेत बनते हैं।
लगातार 5 दिन से बढ़ रहा यमुना का जलस्तर
हथिनी कुंड बैराज के अधिकारियों की मानें तो पांच दिन पहले हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी में 5144 क्यूसेक पानी था। 23 जून को यमुना नदी में 6716 क्यूसेक पानी आ गया। इसमें से 4473 क्यूसेक पानी को पश्चिमी यमुना नहर से दिल्ली की ओर छोड़ दिया। पूर्वी यमुना नहर में 2410 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। 24 जून को हथिनी कुंड बैराज पर 13158 क्यूसेक पानी दर्ज हुआ था, जिसमें से 10046 क्यूसेक पानी को पश्चिमी यमुना नहर में छोड़ गया था।
वहीं, 2410 क्यूसेक पानी को पूर्वी यमुना नहर में छोड़ा गया। 26 जून को 15346 क्यूसेक पानी दर्ज हुआ, जिसमें से 12984 क्यूसेक पानी को पश्चिमी यमुना नहर में छोड़ दिया गया है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि चूंकि मानसून आ चुका है, लिहाजा लगातार हथिनी कुंड बैराज की निगरानी की जा रही है।
पिछली बार दिल्ली में आई थी बाढ़
दिल्ली में पिछले साल भी मानसून के दौरान बाढ़ का सामना करना पड़ा था। यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से पानी दिल्ली के रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया था। आईएसबीटी, मजनू का टीला समेत यमुना के आसपास रहने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। अब जिस तरह से यमुना का स्तर बढ़ने लगा है, उसके चलते दिल्ली में मानसून पहुंचने पर दोबारा से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
