Delhi Loot Case: फेक CBI अफसर बन घर में मारी रेड, कैश-ज्वैलरी लेकर फरार, 3 गिरफ्तार

Wazirabad Robbery Case 3 Posing Fake CBI Officer
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दिल्ली में फेक CBI अफसर बनकर घर में लूट करने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Delhi Robbery Case: दिल्ली में कुछ बदमाशों ने फर्जी CBI बनकर एक बिल्डर के घर पर छापेमारी की। उन्होंने घर के अंदर सभी लोगों को बंधक बना दिया और कैश-ज्वैलरी लेकर फरार हो गए।

Delhi Robbery Case: राजधानी दिल्ली से एक हैरान करने वाला लूट का मामला सामने आया है। दिल्ली के वजीराबाद में 3 बदमाशों ने फर्जी CBI अधिकारी बनकर एक बिल्डर के घर में लूट की वारदात को अंजाम दिया है। आरोपियों ने सफेद शर्ट, ब्लैक पैंट और मास्क पहनकर पीड़ित के घर पहुंचे। छापेमारी के बहाने आरोपी घर के अंदर घुस गए और परिवार को बंधक बनाकर तीन लाख रुपये कैश और 8 तोले सोने की ज्वेलरी लेकर फरार हो गए। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें एक महिला भी शामिल है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, यह मामला 10 जुलाई का है। पुलिस ने बताया कि पीड़ित इशरत जमील वजीराबाद इलाके में रहते हैं, जो पेशे से बिल्डर हैं। 10 जुलाई की शाम को वह अपनी पत्नी और 2 बेटियों के साथ घर पर मौजूद थे। उसी दौरान 3 शख्स जबरन घर के अंदर घुस गए। उन तीनों ने खुद को CBI अफसर बताकर घर में तलाशी करने का नाटक शुरू कर दिया। पीड़ित ने बताया कि उनमें से एक शख्स ने खुद को सीबीआई अधिकारी सुनील दुबे बताया और कहा कि घर की जांच करने का वारंट है। पीड़ित का कहना है कि जब उसने वारंट दिखाने के लिए कहा, तो आरोपियों ने उसे धमकाकर चुप करा दिया।

परिवार को बंधक बनाकर रखा

पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने पूरे परिवार को करीब 2 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान तीनों आरोपियों ने मिलकर पूरे घर की तलाशी ली। उन्होंने अलमारी का ताला तोड़कर उसमें रखे 3 लाख रुपये कैश और ज्वेलरी निकाल लिए। पीड़ित ने बताया कि जब उसने रसीद मांगी, तो आरोपियों ने उसकी बेटी के रजिस्टर पर साइन कर दिया और वहां से फरार हो गए। इसके बाद पीड़ित को शक हुआ और उसने पुलिस को सूचना दी। हालांकि जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक तीनों आरोपी फरार हो गए थे।

कैसे हुआ खुलासा?

DCP राजा बांठिया ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई। टीम ने जांच करते हुए करीब 200 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली, जिसमें पता चला कि आरोपी एक फर्जी नंबर प्लेट लगी बाइक पर आए थे। पुलिस ने इस बाइक के असली रजिस्ट्रेशन नंबर पता लगाया, जो कि करावल नगर की रहने वाली शायना के नाम पर दर्ज था। टेक्निकल सर्विलांस के जरिए आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की, जो कि हरिद्वार पाई गई। पुलिस की टीम हरिद्वार पहुंची, लेकिन आरोपी वहां से फरार हो चुके थे। इसके बाद पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से शायना और केशव प्रसाद को मसूरी से गिरफ्तार किया। इन दोनों से पूछताछ करके तीसरे आरोपी विवेक को हरिद्वार से पकड़ा गया।

पूछताछ में सामने आया सच

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि शायना पीड़ित इशरत की दूर की रिश्तेदार है। उसे पता था कि पीड़ित इशरत के घर में कैश नकद और ज्वैलरी रखी हुई है। इसी लालच में आकर उसने लूट की योजना बनाई थी। वहीं, पुलिस अधिकारी ने बताया कि शायना और केशव एक दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन परिवार के दबाव के कारण केशव ने हरिद्वार में दुकान खोल ली थी।

शायना को केशव से शादी करने के लिए रुपयों की जरूरत थी, जिसके लिए उसने अपने दूर के रिश्तेदार के घर लूट की योजना बनाई। इसमें योजना में केशव ने अपने पड़ोसी विवेक को शामिल कर लिया। इन तीनों ने फेक CBI अधिकारी बनकर इशरत के घर पर लूट की वारदात को अंजाम दिया। जानकारी के मुताबिक, आरोपियों के कब्जे से लूट के 1.75 लाख कैश और ज्वैलरी बरामद की गई है।

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