Toxic Foam in Yamuna: छठ पूजा से पहले यमुना में दिखा जहरीला झाग, लोगों में बढ़ी टेंशन

छठ पूजा से पहले यमुना में दिखा सफेद झाग।
देश की राजधानी दिल्ली में जहां दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा, वहीं छठ पर्व की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता स्वयं समय-समय पर यमुना के घाटों का निरीक्षण कर सौंदर्यीकरण और श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं का जायजा ले रही हैं, वहीं यमुना से गाद निकालने का कार्य भी चल रहा है। इन सब कार्यों के चलते दिल्ली के तमाम मंत्री भी दावे कर रहे हैं कि इस बार की छठ पूजा भव्य होगी। लेकिन, यमुना में जहरीले झाग ने चिताएं खड़ी कर दी हैं। एएनआई की रिपोर्ट की मानें तो कालिंदी कुंज के पास यमुना में जहरीला झाग नजर आ रहा है।
दिल्ली के कालिंदी कुंज में छठ पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। दिल्ली सरकार के निर्देश पर इस एरिया में युद्ध स्तर पर सफाई अभियान चल रहा है। इन कार्यों के चलते उम्मीद थी कि इस बार यहां जहरीला झाग नहीं बनेगा। लेकिन पिछले सालों की भांति यहां भी जहरीला झाग तैरता दिखाई दे रहा है। वैज्ञानिकों की मानें तो यह झाग औद्योगिक कचरे और सीवरेज के अनट्रीटेड पानी की वजह से बनता है।
आप ने मंत्री प्रवेश वर्मा पर कसा तंज
आम आदमी पार्टी ने एएनआई की पोस्ट को शेयर करते हुए पीडब्लयूडी मंत्री प्रवेश वर्मा पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा, अरे प्रवेश वर्मा जी.. अब हल्ला नहीं करेंगे? देखिए कैसे वही केमिकल यमुना के झाग पर स्प्रे किया जा रहा जिस पर आपने AAP सरकार के समय इतना उत्पात मचाया था। कुछ तो करिए.. रोकिए जाकर.. या फिर वो सब ड्रामा था?
मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिया था जवाब
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछा था कि यमुना में जहरीले झाग को खत्म करने के लिए डामर का स्प्रे किया जा रहा है? इस पर जवाब देते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी ने इतने सालों तक जो गंदगी फैलाई है, उसे साफ करने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने हिंदू त्योहारों को खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जहां दिवाली भव्य होगी, वहीं छठ पूजा भी भव्य होगी।
वहीं सीएम रेखा गुप्ता ने यमुना निरीक्षण के दौरान कहा था कि दिल्ली की महिलाएं इस साल गंदगी रहित और झाग मुक्त यमुना में सूर्य देव को अर्ध्य देकर छठ मनाएंगी। उन्होंने आम आदमी पार्टी की पूर्व सरकार पर निशाना साधा था कि तब यमुना नदी में घना झाग होता था और श्रद्धालुओं को दूषित पानी में अनुष्ठान के लिए विवश होना पड़ता था।
