'माफी मांगें या हिरासत के लिए तैयार रहें'!: टीएमसी सांसद साकेत गोखले को मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले को एक मानहानि मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि गोखले ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी को बदनाम करने वाले अपने ट्वीट्स के लिए माफी मांगने और माफीनामा प्रकाशित करने के आदेश का पालन नहीं किया है। ऐसे में कोर्ट ने पूछा कि उन्हें 'नागरिक हिरासत' में क्यों नहीं लिया जाना चाहिए?
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि हमने यह निर्देश दिया था कि साकेत गोखले को अपने ट्वीट्स के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी होगी, लेकिन वे कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि आदेश को नजरअंदाज कर गोखले न्यायालय और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक उड़ा रहे हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि गोखले माफी नहीं मांगते, तो नागरिक हिरासत में जाने के लिए तैयार रहें।यह आदेश लक्ष्मी पुरी की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें उन्होंने अपने पक्ष में अदालत के आदेश को लागू करने की मांग की थी।
पुरी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने बताया कि कोर्ट ने 9 मई को साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वे दो सप्ताह के भीतर माफीनामा प्रकाशित करें, जिसकी अवधि 23 मई को पूरी हो गई। लेकिन गोखले ने अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया है। इसलिए जब तक माफीनामा प्रकाशित नहीं किया जाता, उन्हें निष्पादन की सुनवाई में हिस्सा लेने का कोई अधिकार नहीं होगा।
मनिंदर सिंह ने सुझाव दिया कि एक स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया जाए, जो गोखले की ओर से रुपये लेकर माफीनामा अखबार में प्रकाशित करा सके। हालांकि, साकेत गोखले के वकील नमन जोशी ने कहा कि माफी व्यक्तिगत होती है और इसे किसी और को सौंपा नहीं जा सकता।
इस पर कोर्ट ने गोखले के वकील जोशी से पूछा, 'तो हम आदेश को कैसे लागू करेंगे? यदि आप कहते हैं कि ऐसा नहीं कर सकते, तो दो विकल्प हैं- एक तो यह कि आप कहें कि आप ऐसा नहीं कर सकते। दूसरा, ऐसे में हमें आपको हिरासत में लेना होगा... हम आपको नोटिस जारी कर रहे हैं। अगर आप माफीनामा प्रकाशित नहीं करते हैं, तो हिरासत के आदेश जारी करेंगे।'
यह मामला पहले भी चर्चा में रहा है। 2 मई को कोर्ट ने गोखले की 50 लाख रुपये के जुर्माने और सोशल मीडिया पर माफी मांगने के आदेश को वापस लेने की अर्जी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि गोखले को जुर्माना भरना होगा। 24 अप्रैल को कोर्ट ने आदेश दिया था कि उनके सांसद वेतन से हर महीने 1 लाख 90 हजार रुपये जुर्माने के रूप में वसूले जाएंगे, जब तक कुल 50 लाख रुपये जमा नहीं हो जाते।
हाईकोर्ट ने 1 जुलाई 2024 को आदेश दिया था कि साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट्स के लिए 50 लाख रुपये का जुर्माना अदा करना होगा और एक अंग्रेजी अखबार में माफीनामा प्रकाशित करना होगा। यह मामला लक्ष्मी पुरी द्वारा 2021 में दायर याचिका के बाद शुरू हुआ था।
