Tejas Fighter Jet Crash: इस साल वायु सेना का 7वां विमान क्रैश, ये फाइटर जेट सबसे ज्यादा दे रहा धोखा

दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायु सेना का तेजस विमान हुआ दुर्घटनाग्रस्त।
दुबई एयर शो में भारतीय वायु सेना का तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस दुखद हादसे में पायलट की जान नहीं बच पाई है। इस हादसे को मिलाकर इस साल अभी तक वायु सेना के 7 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। सबसे ज्यादा हादसे जगुआर के साथ हुए हैं। वहीं, तेजस की बात करें तो पिछले साल 2024 में राजस्थान के जैसलमेर में तेजस क्रैश हुआ था, लेकिन अच्छी बात ये रही कि पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए थे।
वायु सेना के विमान कब-कब हुए दुर्घटनाग्रस्त
- 6 फरवरी 2025 : मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बहरेटा सानी गांव के पास छह फरवरी को एयरफोर्स का टू सीटर फाइटर प्लेन मिराज-2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। प्लेन में दो पायलट सवार थे, लेकिन हादसे से पहले दोनों पायलटों ने खुद को हवा में इजेक्ट (बचकर निकले) कर लिया था।
- 7 मार्च 2025: एंग्लो-फ्रेंच SEPECAT जगुआर ग्राउंड अटैक विमान ने उड़ान भरी, लेकिन अंबाला के पास नियमित उड़ान के दौरान क्रैश हो गया। पायलट ने खुद को हवा में इंजेक्ट कर लिया था।
- 7 मार्च 2025: अंबाला के अलावा इस दिन पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में भारतीय वायुसेना का ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया था। हादसे में चालक दल समेत तमाम सदस्य बाल बाल बच गए थे।
- 2 अप्रैल 2025: इसके बाद 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर विमान हादसे का शिकार हो गया था। हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की मृत्यु हो गई थी। विमान को क्रैश होते देख साथी को बाहर निकाल दिया और घनी आबादी से दूर ले गए। हादसे में वे स्वयं नहीं बच पाए।
- 9 जुलाई 2025: भारतीय वायु सेना का जगुआर IB 9 जुलाई को राजस्थान के चुरू में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार दोनों पायलट की दर्दनाक मौत हो गई थी।
- 14 नवंबर 2025: इसी महीने यानी 14 नवंबर को तमिलनाडु के तंबरम में वायुसेना का पिलेटस ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित इंजेक्ट हो गए थे।
तेजस की खूबियां
तेजस ने जनवरी 2001 में अपनी पहली उड़ान भरी थी। भारतीय वायु सेना ने 2016 में इसे अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल कर लिया। यह विमान तेजस विमान की खासियत इसकी स्पीड है। तेजस में कई आधुनिक उपकरण लगे हैं, जिनमें इस्राइल में विकसित किया गया रडार शामिल है। हवा में ही इसमें ईंधन भरा जा सकता है। यह दुश्मन देश के रडार को भी चकमा दे सकता है। खास बात है कि पुराने तेजस को अपग्रेड भी किया जा रहा है। वर्तमान में 4.5 जेनरेशन वाले तेजस MK1 पर काम चल रहा है।
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