New Survey: पानी से लेकर बिजली कटौती तक... सर्वे में भारतीयों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

New survey on global warming
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कहीं लोग बाढ़ से परेशान तो कहीं झेल रहे सूखा।  

दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में लोगों को पानी की कमी, पावर कट समेत कई परेशानियां उठानी पड़ रही है। खास बात है कि इन सबके लिए एक ही विलेन है। पढ़िये नई शोध रिपोर्ट...

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भारत में भी गर्मी तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह से न केवल लोगों का जीना मुहाल होने लगा है, वहीं पौधों और वन्य जीवों पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। पेयजल किल्लत हो, बिजली किल्लत हो या फिर बाढ़, इन सबके लिए ग्लोबल वार्मिंग को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। देश के 71 फीसद लोगों ने तो महसूस किया है कि अगर इसी तरह तापमान बढ़ता रहा, तो इसे बर्दाश्त हर किसी के लिए मुश्किल हो जाएगा। यह हम नहीं बल्कि येलो प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन और सी वोटर के ताजा सर्वे से पता चला है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सर्वे 5 दिसंबर 2024 से 18 फरवरी 2025 के बीच किया। सर्वे के दौरान 18 साल से अधिक आयु वाले 10751 लोगों से बातचीत की गई। सर्वेक्षण से पता चला कि भारतीय भीषण गर्मी, बाढ़ जैसी समस्या से परेशान हैं।

सवेक्षण टीम में शामिल मारिजा वर्नर ने बताया कि 71 फीसद भारतीय ऐसे हैं, जिन्होंने गर्म हवा का (Heat Wave) करीब से सामना किया है। 60 फीसद लोगों ने कृषि कीटों और बीमारियों को बड़ी समस्या बताया, वहीं 53 फीसद लोगों ने जल प्रदूषण को बड़ी समस्या और 52 फीसद लोगों ने कहा कि उन्हें पानी की कमी का भी सामना किया है।

ग्लोबल वार्मिंग वन्य जीवों के लिए खतरा

सर्वेक्षण टीम में शामिल जगदीश ठाकुर का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग का असर पौधों और वन्य जीवों के जीवन पर भी नकारात्मक तरीके से पड़ रहा है। 64 फीसद भारतीयों ने बताया है कि ग्लोबल वार्मिंग का असर वन्य जीवों और पौधों पर पड़ा है।

वहीं, 54 फीसद लोग गंभीर चक्रवात, 53 फीसद लोग अकाल और खाद्यान्न की कमी, 53 फीसद लोग गंभीर बाढ़, 52 फीसद लोग मानसून पर प्रभाव और 50 फीसद लोग गंभीर तूफान के लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार मानते हैं। इसके अलावा, पानी की कमी भी होती है, जिसका असर बिजली उत्पादन पर भी पड़ता है। सर्वे में 43 फीसद भारतीयों ने बताया है कि बिजली कटौती के लिए भी ग्लोबल वार्मिंग जिम्मेदार है।

32 फीसद लोगों को ग्लोबल वार्मिंग की जानकारी नहीं

शोधकर्ता एमिली रिचर्ड्स बताती हैं कि यह शोध ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले खतरों के प्रति आगाह करती है। लोगों ने बिजली, पानी, गंभीर चक्रवात, अकाल समेत सभी समस्याओं के लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि 32 फीसद लोग ऐसे भी मिले, जिन्हें ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह शोध दर्शाता है कि ग्लोबल वार्मिंग से तेजी से निपटना चाहिए ताकि हमारी पृथ्वी सुरक्षित रह सके।

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