Cyber Crime: सुप्रीम कोर्ट की वकील रही महिला के साथ साइबर ठगी, डिजिटल अरेस्ट कर ऐंठे 3 करोड़

Supreme Court Lawyer Digital Arrest
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सुप्रीम कोर्ट की वकील को किया डिजिटल अरेस्ट।

Cyber Crime: नोएडा के सेक्टर-47 में सुप्रीम कोर्ट की वकील रह चुकी एक बुजुर्ग महिला के साथ साइबर ठगी हुई। महिला को 9 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उससे 3 करोड़ से ज्यादा की रकम ऐंठी गई।

Cyber Crime: साइबर ठगी के मामले अकसर सामने आते रहते हैं, जहां साइबर ठग बड़ी चालाकी से मासूम लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। वे लोगों से अच्छी खासी रकम ऐंठते हैं। कई बार डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया जाता है। ये तरीका बीते कई महीनों से चलन में है। साइबर ठग मासूम लोगों को एफआईआर, क्राइम केसेस में फंसाने की धमकी देकर लोगों को शिकार बनाते हैं।

शातिर ठगों ने इस बार किसी आम नागरिक को नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के वकील को ही अपना शिकार बना लिया। साइबर अपराधियों ने नोएडा सेक्टर-47 में रहने वाली सुप्रीम कोर्ट में वकील रह चुकी एक बुजुर्ग महिला के साथ साइबर ठगी की। उन्होंने नौ दिनों तक बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट करके रखा और उनसे तीन करोड़ 29 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने अपने आप को पुलिस अधिकारी बता। उन्होंने महिला से अलग-अलग राज्यों जैसे- दिल्ली, कोलकाता और महाराष्ट्र में खुले बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए।

जानकारी के अनुसार, साइबर क्रिमिनल्स ने महिला को 16 जून से 24 जून तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इसके बाद उन्होंने महिला के बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां इकट्ठी कीं। उन्होंने महिला से कहा कि वो अपनी एफडी तुड़वाए और सारे पैसे उनके बताए गए बैंक खाते में जमा कर दे। ठगों ने कहा कि जांच पूरी हो जाने के बाद उनके सारे पैसे मूल खाते में वापस आ जाएंगे।

महिला को लगा कि वो सच में किसी परेशानी में फंस चुकी है और पुलिस अधिकारी उसे इस परेशानी से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद महिला ने ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में 5 बार में लगभग तीन करोड़ 30 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

महिला ने बताया कि जब वो साइबर ठगी का शिकार हुई, उस दौरान वो घर में बिल्कुल अकेली थी। ठगों ने धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को भी बताया, तो परिवार के दूसरे लोग भी जेल जा सकते हैं। डर के कारण महिला ने किसी को कुछ नहीं बताया। महिला की बेटी और बेटा बाहर गए हुए थे। इन 9 दिनों के दौरान बच्चों ने अपनी मां को कई बार कॉल की, लेकिन उन्होंने किसी को कुछ नहीं बताया।

इस घटना के बाद महिला परेशान करने लगा। बच्चों ने परेशानी की वजह कई बार पूछी। कई दिन बीत जाने के बाद उन्होंने अपने बच्चों को आपबीती सुनाई। तब बेटे ने मां को समझाया कि वो साइबर ठगी का शिकार हो गई हैं। इसके बाद ये मामला साइबर पुलिस स्टेशन पहुंचा। महिला ने ट्रांजेक्शन से जुड़े सभी दस्तावेज पुलिस को सौंपे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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