Supreme Court: 'पुराने वाहनों को दी गई राहत वापस लें...' सुप्रीम कोर्ट से CAQM का अनुरोध

CAQM ने पुराने वाहनों को राहत देने वाले आदेश को वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कहा।
Supreme Court: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बीते दिन 10 दिसंबर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा है कि पुराने वाहनों को राहत देने वाला आदेश वापस ले लिया जाए। CAQM का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को जो निर्देश दिए थे, उसकी समीक्षा करना जरूरी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश में कहा गया था कि दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन चलाने वालों के खिलाफ कोई भी जबरन कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वहीं कोर्ट ने अगस्त में अक्टूबर 2018 के उस आदेश पर रोक लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि जहरीली हवा से निपटने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा। यह आदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 2014 के फैसले को सही बताता है।
CAQM ने रिपोर्ट में क्या कहा ?
CAQM ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी नई रिपोर्ट को पेश किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि CAQM ने BS-III मानक और उससे नीचे के गाड़ियों के प्रदूषण भार का BS-VI मानक की गाड़ियों के साथ विश्लेषण किया है। CAQM ने कोर्ट से कहा है कि 12 अगस्त को दी गई राहत से BS-III और उससे नीचे की गाड़ियो को बाहर रखने वाले अपने आदेश की समीक्षा जरूरी है।
CAQM ने कहा, 'गाड़ियों से होने वाले उत्सर्जन पर रोक लगाने के लिए BS-VI उत्सर्जन मानकों की तुलना में, इन गाड़ियों की प्रदूषण फैलाने वाली क्षमता को ध्यान में रखते हुए, BS-III और उससे नीचे के मानक वाली गाड़ियों को सुप्रीम कोर्ट के 12 अगस्त, 2025 के आदेश की राहत के दायरे से बाहर रखा जाना जरूरी है।
CAQM ने पॉल्यूशन पर क्या कहा ?
- दिल्ली-NCR में खराब वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण वाहनों से होने वाला प्रदूषण है।
- पुराने वाहनों का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए खतरा है।
- आयोग ने यह भी कहा कि NGT ने 2014-2015 में NCR में पुरानी गाड़ियों पर बैन लगाने के लिए आदेश पारित किया था, जिसमें पुराने वाहनों को जब्त करना शामिल था।
- CAQM ने कहा कि 93% वाहन हल्के मोटर वाहन और दोपहिया वाहन प्रदूषण का मुख्य कारण है।
- CAQM के मुताबिक, BS-III मानक वाले वाहन 15 साल से ज्यादा, BS-II 20 साल से ज्यादा, और BS-I 24 साल से ज्यादा समय तक इस्तेमाल में है, जिसकी वजह वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है।
आयोग ने क्या सुझाव दिया ?
आयोग का कहना है कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए लक्ज़री सेगमेंट के वाहनों, डीजल कारों और 2000 सीसी क्षमता या उससे ज्यादा की एसयूवी पर लगने वाले पर्यावरण मुआवजा शुल्क को मौजूदा 1 प्रतिशत से ज्यादा कर देना चाहिए।
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