एयर इंडिया हादसा: प्राथमिक जांच में पायलट पर जिम्मेदारी नहीं डाली, SC में केंद्र का पक्ष

Air India Plane Crash
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सुप्रीम कोर्ट पायलट के पिता की याचिका पर आज करेगा सुनवाई। 
12 जून 2025 को एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के 32 सेकेंड के पास इमारत से टकरा गया था। पायलट के पिता ने अदालत की निगरानी में निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सुप्रीम कोर्ट में एयर इंडिया विमान हादसे की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस विमान हादसे में दिवंगत पायलट के पिता ने अपनी याचिका में कहा था कि यह स्वतंत्र जांच अदालत की निगरानी में होनी चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने गैर-सरकारी संगठन सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन की याचिका पर भी सुनवाई की। केंद्र सरकार की तरफ से पक्ष रखा गया कि प्राथमिक जांच रिपोर्ट में एयर इंडिया के पायलट को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार नहीं बताया गया है। नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की जांच अभी भी जारी है।

गैर सरकारी संगठन सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन की तरफ से पेश हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार के नियमों के अनुसार इस तरह की गंभीर दुर्घटना, जिसमें जान-माल का नुकसान होता है, उसके लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की आवश्यकता होती है, न कि केवल एएआईबी द्वारा जांच की आवश्यकता होती है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। एक अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन है। उन्होंने हवाई दुर्घटनाओं की जांच के लिए अनिवार्य कदम तैयार किए हैं। एक व्यवस्था है, कुछ विदेशी भी पीड़ित होते हैं। वे देश भी जांच में अपने प्रतिनिधि भेजते हैं। मैं पिता की भावनाओं को समझता हूं। किसी पर कोई दोष नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा कि एमसीए ने एक प्रेस नोट जारी किया है कि किसी पर कोई दोष नहीं लगाया गया है।

न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि एएआईबी जांच जिम्मेदारी के बंटवारे के लिए नहीं है। इसका उद्देश्य कारण स्पष्ट करना और सुझाव देना है ताकि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो। केंद्र सरकार की पूरक जांच में बंटवारे का प्रश्न शामिल हो सकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि एसजी जिस व्यवस्था का उल्लेख कर रहे हैं, उसका पालन नहीं किया गया है। यही समस्या है। इसका ठीक से पालन नहीं किया गया है। इस पर एसजी मेहता ने कहा कि किसी का भी हस्तक्षेप एक केंद्रित जांच के लिए प्रतिकूल हो सकता है।

एयरलाइनों के बीच झगड़ा न लगे

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक है। इन 787 विमानों में कई सिस्टम विफलताएं हुई हैं। इन विमानों में उड़ान भरने वाला हर व्यक्ति जोखिम में है। पायलट एसोसिएशन ने कहा है कि इन विमानों को तुरंत उड़ान भरने से रोकना होगा। इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि ऐसा न लगे कि यह एयरलाइनों के बीच झगड़ा है। सॉलिसिटर जनरल को मृतक के पिता की ओर से दाखिल याचिका पर जवाब दायर करने को कहा गया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए स्थगित की है।

12 जून को हुआ था एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

बता दें कि इसी साल 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया का विमान उड़ान भरने के 32 सेकेंड के पास इमारत से टकरा गया था। हादसे में एक यात्री को छोड़कर 260 लोगों की जान चली गई थी। इस एयर इंडिया हादसे की जांच शुरू हुई, जिसके बाद जुलाई माह में अंतरिम रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट पर बहस शुरू हो गई क्योंकि यह रिपोर्ट पायलटों की लापरवाही की तरफ इशारा कर रही थी। आलोचकों का कहना था कि इस रिपोर्ट ने विमान में संभावित खराबी के ध्यान को भी भटका दिया।

बताया जा रहा है कि बीते अक्तूबर को नई दिल्ली में एविएशन इंडिया 2025 समिट का आयोजन किया गया। इस दौरान एयर इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव कैंपबेल विल्सन ने स्वीकार किया कि यह दुर्घटना पीड़ित परिवारों और कर्मचारियों के लिए विनाशकारी थी। लेकिन उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीय अधिकारियों की ओर से शुरुआती जांच में (प्राथमिक जांच) में संकेत दिया था कि विमान, विमान या एयरलाइन के ऑपरेशन में कोई खराबी नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एयर इंडिया सिर्फ जांचकर्ताओं के साथ काम कर रही थी, लेकिन वो उनसे सीधे तौर पर नहीं जुड़ी थी।

पायलट के पिता ने SC का दरवाजा खटखटाया

कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता पुष्करराज सभरवाल ने एयर इंडिया विमान हादसे की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पिछली सुनवाई में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि यह दुर्घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आपको ये बोझ नहीं लेकर चलना चाहिए कि आपके बेटे को दोष दिया जा रहा है। कोई भी चीज, किसी भी चीज के लिए उसे दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर आगे की सुनवाई की। अब अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए स्थगित की गई है।

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