Supreme Court: 'सड़क पर हत्या, कानून कमजोर...'दिल्ली-NCR में गैंगस्टर राज पर SC की टिप्पणी

दिल्ली-एनसीआर में गैंगस्टर नाराज पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी।
Supreme Court On Crime: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते गैंगवार और क्राइम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि दिनदहाड़े सड़क पर हत्याएं हो रही हैं और सबूतों की कमी की वजह से आरोपी बेखौफ छूट जाते हैं। बेंच ने कहा कि आम आदमी की नजर में कानून का राज कमजोर होता जा रहा है। गैंगस्टरों के साथ किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इन गैंगस्टरों से समाज को छुटकारा मिलना चाहिए। NCR में बढ़ते क्राइम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के बाहर फरीदाबाद, गुड़गांव जैसे इलाकों में क्या हो रहा है?
सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली पुलिस से सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस पर टिप्पणी करते हुए गवाहों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाया है। जस्टिस सूर्यकांत शर्मा की बेंच ने कहा, 'गवाह आपकी आंखें और कान हैं। आप उनकी सुरक्षा के लिए क्या कर रहे हैं? दिन-दहाड़े सड़क पर हत्या होती है और सबूतों की कमी के कारण आरोपी बेखौफ छूट जाता है।' गैंगस्टर से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया राष्ट्रीय राजधानी की अदालतों में 288 मुकदमे लंबित हैं। इस पर बेंच ने सुझाव देते हुए भारत सरकार और दिल्ली सरकार से फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना पर विचार करने के लिए कहा, जो ऐसे मामलों को दिन-प्रतिदिन के आधार पर निपटा सकें।
सुप्रीम कोर्ट के सुधाव
- हाईकोर्ट स्पेशल अदालतों का गठन करें।
- केंद्र और दिल्ली सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था करें।
- सुनवाई टालने की सीमा तय करने, वकीलों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और आरोप तय करने की समय-सीमा जैसे निर्देश भी समय पर जारी किए जाएं।
- न्यायिक अधिकारियों के अतिरिक्त पद सृजित किए जाएं।
इस मामले पर हो रही थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ये सभी टिप्पणियां उस समय की, जब गैंगस्टर महेश खत्री उर्फ भोली की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। आरोपी महेश ने ट्रायल में देरी का हवाला देते हुए जमानत की मांग करते हुए याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। बता दें कि आरोपी पर 55 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि हर मुकदमे में देरी की जाती है, जिससे गवाहों को प्रभावित किया जा सके और आरोपी बरी हो जाए। यही उनका रणनीतिक प्लान है। साथ ही कोर्ट ने आंध्र प्रदेश की तारीफ भी की, जहां पर स्पेशल कोर्ट बनाकर गंभीर मामलों की सुनवाई हो रही है।
