Supreme Court: 'उन्हें आने दीजिए, हम उनसे निपट लेंगे', आवारा कुत्तों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में की सख्त टिप्पणी।
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले पर सख्त टिप्पणी की है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव पशु जन्म नियंत्रण नियमों के संबंध में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी हलफनामा दायर नहीं कर रहे हैं। यह दुर्भायपूर्ण है। शीर्ष न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से मौजूदगी में छूट देने के लिए याचिका दायर की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा, 'नहीं, उन्हें शारीरिक रूप से आने दीजिए। यह दुर्भायपूर्ण है कि नगर निगम द्वारा, राज्य सरकारों द्वारा जिन समस्याओं का वर्षों से निपटान होना चाहिए, उससे निपटने के लिए न्यायालय अपना समय बर्बाद कर रहा है।'
कोर्ट ने आगे कहा कि संसद नियम बनाती है, कोई कार्रवाई नहीं होती। हम अपेक्षा करते हैं कि अनुपालन हलफनाम दाखिल कर सकते हैं, लेकिन वे इस पर भी सो रहे हैं। न्यायालय के आदेश का कोई सम्मान हीं है! कोर्ट ने कहा कि उन्हें आने दीजिए, हम उनसे निपट लेंगे। उन्हें शारीरिक रूप से आना होगा और बताना होगा कि अनुपालन हलफनामा दाखिल क्यों नहीं किया?
हलफनामा दाखिल हो चुका
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुपालन हलफनामा दायर किए गए हैं। इस पर पीठ ने कहा कि इन्हें सुनवाई की अंतिम तिथि के बाद दायर किया होगा क्योंकि अंतिम तिथि तक केवल तीन ही हलफनामे थे। शीर्ष न्यायालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने में छूट की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी।
यह है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई 2025 को 'शहर आवारा कुत्तों से परेशान, बच्चे कीमत चुका रहे' शीर्षक से प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए आवारा कुत्तों से होने वाली परेशानियों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे। साथ ही, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से भी पशु जन्म नियंत्रण नियमों के संबंध में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया था। तेलंगाना और पश्चिम बंगाल को छोड़कर 27 अक्टूबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को हलफनामा दाखिल न करने के चलते तलब किया गया। इसके बाद भी हलफनाम
दिल्ली नगर निगम भी सुप्रीम कोर्ट के 22 अगस्त के निर्देशों का पालन करते हुए अनुपालन हलफनामा दाखिल कर चुका था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को अगले सोमवार को उपस्थित रहकर अनुपालन हलफनामा दाखिल न करने की वजह पूछी है।
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