Delhi-NCR Property Fraud: बैंकों-बिल्डरों के गठजोड़ की CBI करेगी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

दिल्ली में फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर लूटपाट।
Delhi-NCR Property Fraud Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को बैंकों और बिल्डरों के खिलाफ 22 केस दर्ज करने की अनुमति दी। यह मामले आवासीय परियोजनाओं से जुड़े मामलों में दर्ज किए जाएंगे। CBI ने सुप्रीम कोर्ट में आरंभिक जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 अप्रैल को कोर्ट ने पीड़ित घर खरीदारों की याचिकाओं के बाद मामले की जांच का निर्देश दिया था। इस पर CBI ने अंतरिम रिपोर्ट पेश की।
कोर्ट में CBI ने बताया कि कई राज्यों में आवासीय परियोजनाओं में बिल्डर-बैंक गठजोड़ की 7 प्रारंभिक जांच (PE) की जांच की गई, जिसमें दिल्ली-एनसीआर पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनमें से एक PE में विशेष रूप से डेवलपर सुपरटेक पर फोकस किया गया, जिसके पास आवासीय योजना के तहत छह शहरों में 21 परियोजनाएं थीं।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 1,200 से अधिक घर खरीदारों की ओर से समूह याचिका लगाई गई है। इसमें कहा गया कि उन लोगों ने दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग आवासीय परियोजनाओं में सबवेंशन स्कीम के तहत फ्लैट बुक कराए थे। आरोप है कि बैंक उन्हें EMI का भुगतान करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जबकि उन्हें फ्लैटों का कब्जा नहीं मिला है। इस मामले की जांच CBI कर रही है।
इसी मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने CBI को 22 केस दर्ज करने और जांच जारी रखने का निर्देश दिया।
जांच के लिए 6 हफ्ते का समय
कोर्ट में बताया गया कि 5 प्रारंभिक जांच में एनसीआर में स्थित परियोजनाओं की जांच हुई, जिनमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम और गाजियाबाद शामिल हैं। इसके अलावा एक PE में सुपरटेक पर फोकस किया गया। जबकि सातवीं प्रारंभिक जांच में एनसीआर के बाहर सुपरटेक के अलावा बाकी डेवलपर्स की परियोजनाओं को कवर किया। CBI ने सातवीं जांच के लिए और समय की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सातवीं प्रारंभिक जांच के लिए CBI को छह हफ्ते का समय दिया।
जांच के दायरे में कई अथॉरिटी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBI की जांच के दायरे में NCR के बिल्डरों के अलावा उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विकास प्राधिकरण भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए CBI को जांच जारी रखने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने मामले को अपने हाथ में लेने के लिए एजेंसी की सराहना भी की। कोर्ट ने CBI को जांच पूरी करने और मामले को रिजल्ट तक पहुंचाने के लिए कहा है।
