Supreme Court: 'तो क्या उनके लिए रेड कार्पेट बिछा दें...', रोहिंग्याओं पर CJI की टिप्पणी

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत रोहिंग्याओं पर की टिप्पणी।  

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्याओं के मुद्दे को लेकर सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने रोहिंग्या को शरणार्थी कहने और असाधारण सुरक्षा देने पर आपत्ति जताई है।

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी मंगलवार 2 दिसंबर को रोहिंग्याओं घुसपैठियों के मुद्दे पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि घुसपैठिए घुसेंगे और फिर अधिकार मांगेंगे। कोर्ट में आज 5 रोहिंग्या घुसपैठियों के हिरासत से गायब होने को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई।

उस दौरान कोर्ट ने तीखे सवाल करते हुए कहा कि उन लोगों को असाधारण सुरक्षा नहीं दी जा सकती, जो गैरकानूनी तरीके से देश में घुसे हैं। बता दें कि याचिकाकर्ता द्वारा मांग की गई कि केंद्र सरकार इन रोहिंग्या के डिटेंशन और डिपोर्टेशन से जुड़ी जानकारी साझा करें। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया।

CJI सूर्यकांत ने क्या कहा ?

CJI सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा, 'उत्तर भारत की तरफ हमारी बहुत संवेदनशील सीमा है। हमें उम्मीद है कि आप सभी जानते हैं कि देश के अंदर क्या स्थिति चल रही है। आप चाहते हैं कि उनके लिए लाल कारपेट बिछा दिया जाए...? वे सुरंग के रास्ते प्रवेश करें और फिर भोजन, आश्रय, बच्चों की शिक्षा जैसे अधिकार मांगें? उन्होंने आगे कहा कि क्या हम कानून को इस तरह खींचना चाहते हैं? क्या हमारे गरीब बच्चे इन सुविधाओं के हकदार नहीं हैं? सीजेआई ने कहा कि ऐसे मामलों में हैबियस कॉर्पस की मांग करना बहुत काल्पनिक बात लगती है।'

रोहिंग्या को शरणार्थी कहने पर कोर्ट ने क्या कहा ?

रोहिंग्या को शरणार्थी कहे जाने परह सुप्रीम कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि क्या घुसपैठियों को शरणार्थी का दर्जा दिया जा सकता है? उन्होंने पूछा, क्या कोई अगर घुसपैठ करके देश में आता है तो उसे भारत में रहने का अधिकार दिया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है। वहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी करने से भी इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि 16 दिसंबर को मामले में फिर से सुनवाई होगी।

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