नेपाल हिंसा: 'जान बचाने के लिए कूदना होगा', नेपाल में गाजियाबाद की महिला के आखिरी शब्द

नेपाल हिंसा में जान गंवाने वाली महिला के परिजनों ने सुनाई आपबीती।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद की रहने वाली महिला राजेश देवी गोला ने नेपाल हिंसा के दौरान जान गंवा दी। वे अपने पति के साथ छुट्टियां मनाने के लिए काठमांडू गई थीं। उन्होंने अपने पति को आखिरी बार यही कहा था कि अगर जान बचानी है, तो हमें कूदना होगा। उनके पति ने पर्दों और बेडशीट की सहायता से नीचे उतरने का इंतजाम किया। पहला मौका अपनी पत्नी को दिया, लेकिन अनहोनी को कुछ और ही मंजूर था।
मीडिया से बातचीत में राजेश देवी गोला के बेटे विशाल गोला ने बताया कि उनके माता-पिता 7 सितंबर को काठमांडू पहुंचे थे। उन्होंने हयात रेजेंसी में कमरा बुक कराया। 9 सितंबर को उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन किए। इसके बाद होटल लौटकर आराम करने लगे।
इस दौरान अचानक प्रदर्शनकारियों ने होटल को घेर लिया और आग लगा दी। आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को भी भागने का मौका नहीं मिला। विशाल ने रोते हुए बताया कि उनकी मां ने पिता को सलाह दी कि हमें अगर बचना है, तो हमें कमरे की बॉलकनी से कूदना होगा।
विशाल ने बताया कि उनके माता-पिता जिस कमरे में रूके थे, वो होटल की चौथी मंजिल पर स्थित था। उनके पिता ने बेडशीट और पर्दों की सहायता से रस्सी बना ली ताकि उसकी मदद से नीचे उतर सकें। उनकी मां को सबसे पहले उतारने का प्रयास किया, लेकिन दूसरी मंजिल पर पहुंचते ही अचानक घबराहट में उनका संतुलन बिगड़ गया, जिससे वे सड़क पर गिरकर बुरी तरह से घायल हो गईं।
उनके पिता रामवीर सिंह उसी तरीके से नीचे उतरे। जब नीचे पहुंचे तो देखा कि मेरी मां के सिर से खून बह रहा था। इस दौरान एक आर्मी की जीप आई, जिन्होंने मेरी मां को अस्पताल ले गए, लेकिन मेरे पिता को जीप में नहीं बैठने दिया। स्थानीय लोगों की मदद से मेरे पिता अस्पताल पहुंचे। इसके बाद सूचना मिली कि मेरी मां की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि इस हादसे ने हमारे पूरे परिवार को तोड़ दिया है।
पति रामवीर सिंह सदमे में
उधर, राजेश देवी गोला के पति रामवीर सिंह सदमे में हैं। वे खुद को कोस रहे हैं कि अगर वे पहले नीचे उतरते तो पत्नी के गिरने की स्थिति में उन्हें संभाल सकते थे। बहरहाल, काठमांडू प्रशासन ने राजेश देवी गोला की मौत को लेकर किसी तरह की पुष्टि नहीं की है। राजेश देवी की मौत की खबर उनके परिजनों को भारतीय दूतावास की तरफ से मिली है। अगर काठमांडू प्रशासन राजेश देवी गोला की मौत की आधिकारिक पुष्टि करता है, तो यह नेपाल की हिंसा में जान गंवाने वाले भारतीय की मौत का पहला मामला होगा।
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