Delhi Hospital: 3 साल बाद भी अस्पताल नहीं छोड़ रहे डॉक्टर, प्रशासन ने साधी चुप्पी!

Doctors not leaving job after completeion of Tenure
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समय सीमा पूरी होने के बावजूद अस्पताल छोड़ने नहीं छोड़ रहे डॉक्टर।

Delhi Hospital: दिल्ली देहात के नरेला स्थित सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में कार्यकाल पूरा होने के बावजूद डॉक्टर्स अस्पताल नहीं छोड़ रहे हैं। इसके लिए स्थानीय विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री से बात करने का फैसला लिया है।

दया राम नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कुछ विशेषज्ञ डॉक्टर निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद भी अस्पताल नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली देहात के नरेला स्थित सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल से सामने आया है और अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी और स्थानीय जागरूक लोग इसे एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही मान रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में लाए जाएंगे मामले

अस्पताल की रोगी कल्याण से जुड़े कुछ पुराने पदाधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को इसे लेकर जांच बिठानी चाहिए कि नियमों के विरूद्ध ऐसा क्यों हो रहा है। वहीं, अस्पताल सूत्रों का कहना है कि अस्पताल के प्रमुख पद डीएमएस पर तैनात डॉ. सौरभ पिछले तीन वर्षों से लगातार इस पद पर कार्यरत हैं, जबकि विभागीय आदेश स्पष्ट रूप से कहते हैं कि कोई भी अधिकारी संवेदनशील पद पर तीन साल से अधिक समय तक नहीं रह सकता। वहीं, इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक राजकरण खत्री का कहना है कि मामले को स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में लाएंगे और नियमानुसार कार्यवाही करेंगे।

'संवेदनशील पदों पर तीन वर्षों से अधिक समय से तैनात ना हो'

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक सर्कुलर की भी जमकर अवहेलना की जा रही है। इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा यह निर्देश दिया गया था कि सभी अस्पतालों और स्वायत्त संस्थानों में यह प्रमाणित किया जाए कि कोई भी अधिकारी संवेदनशील पद जैसे एचओडी, एचओओ, खरीद-फरोख्त, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंसिंग या बिल भुगतान पर तीन वर्षों से अधिक समय से तैनात न हो।

अस्पताल प्रशासन साधे हुए है चुप्पी

इस संबंध में अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक से जानकारी मांगी गई लेकिन उन्होंने यह कहकर जानकारी देने से इनकार कर दिया कि वे मीडिया को इस प्रकार की जानकारी देने में असमर्थ है और इसकी जानकारी सचिवालय से ली जा सकती है। वहीं, स्वास्थ्य सचिवालय की तरफ से भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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