Kantara God: दिल्ली में इस जगह पर कर सकेंगे कांतारा वाले देव पंजुर्ली के दर्शन, इतने पैसे होंगे खर्च

Kantara Dev in Delhi
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कांतारा देव के दिल्ली में करें दर्शन।

Kantara God: साउथ सिनेमा की ऋषभ शेट्टी द्वारा बनाई गई फिल्म कांतारा को लोग बहुत प्यार दे रहे हैं। बहुत से लोग असल कांतारा देव के दर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए आपको साउथ जाने की जरूरत नहीं होगी।

Kantara God in Delhi: कांतारा फिल्म इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर लोगों की जुबान तक फैला हुआ है। फिल्म कांतारा लोगों को बेहद पसंद आई। उसी तरह से अब कांतारा फिल्म का दूसरा भाग यानी कि कांतारा चैप्टर 1 को भी पूरे देश में पसंद किया जा रहा है। इस फिल्म के आने से पूरे देश के लोगों को श्री वराह अवतार यानी देव पंजुर्ली के बारे में पता चला। लोगों ने उसे जानने की कोशिश की। अब बहुत से लोग उन्हें देखना चाहते हैं।

दरअसल, दक्षिण भारत और खासकर कर्नाटक के कई गांवों में भूतकोला त्योहार मनाया जाता है। इसमें नर्तक श्री वराह अवतार यानी पंजुर्ली का मुखौटा पहनकर धार्मिक नृत्य करता है। कहा जाता है कि जो नर्तक श्री वराह अवतार यानी पंजुर्ली का मुखौटा धारण करता है, उसके शरीर के अंदर देव पंजुर्ली खुद आ जाते हैं। बता दें कि पंजुर्ली एक ऐसे देवता हैं, जो भगवान विष्णु के श्री वराह अवतार में हैं। इन्हें फिल्म कांतारा में दिखाया गया है।

जानकारी के अनुसार, भारतीय त्योहारों में इस देवता, देव पंजुर्ली के दर्शन को महत्वपूर्ण माना जाता है। लोग अक्सर भूतकोला त्योहार में इसे देखने के लिए दक्षिण भारत और कर्नाटक जाते हैं। लेकिन अब दिल्ली के लोग भी देव पंजुर्ली के दर्शन कर सकेंगे। दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित नेशनल क्राफ्ट्स म्यूजियम एंड हस्तकला एकेडमी में देव पंजुर्ली की मूर्तियों के दर्शन किए जा सकते हैं। यहां आप देव पंजुर्ली के इतिहास और महत्व के बारे में भी जान सकते हैं। इस म्यूजियम में एक मूर्ति बनाकर रखी गई है, जो आपको हूबहू कंतारा फिल्म के दिखाए गए देव जैसे दिखाई देंगे।

अगर आप यहां जाने का मन बना चुके हैं, तो आप ब्लू लाइन मेट्रो से प्रगति मैदान/सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन उतर जाएं। गेट नंबर 1 से बाहर निकलते ही आप रिक्शा ले सकते हैं। 10-15 मिनट में आप इस म्यूजियम तक पहुंच जाएंगे। ये म्यूजियम मंगलवार से रविवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुला रहता है। इस म्यूजियम में आने के लिए आपको किसी तरह का शुल्क देने की जरूरत नहीं है। हालांकि अगर आप हिंदा या इंग्लिश में इतिहास सुनना चाहते हैं, तो आपको हेडफोंस के लिए 60 से 100 रुपए तक देने पड़ सकते हैं।

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