Night Shelters: दिल्ली में ठंड से फुटपाथ पर कांप रहे सैकड़ों लोग, कब रैन बसेरे बनाएगी सरकार?

AAP नेता संजीव झा और कुलदीप कुमार ने रैन बसेरों के लिए सरकार पर साधा निशाना।
Night Shelters: दिल्ली समेत पूरे देश में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। रात होते ही लोग घरों में जाकर रजाई में घुस जाते हैं। हालांकि जो लोग बेघर हैं, उनके लिए ये सर्दी किसी अभिषाप से कम नहीं हैं। दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर लोग फुटपाथ पर कड़ाके की ठंड में सोने को मजबूर हैं। उनके पास रात गुजारने के लिए जगह नहीं है। सरकार ने राम के नाम पर वोट मांगकर उन्हें राम भरोसे छोड़ दिया है।
आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार बीती रात दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पहुंचे। यहां उन्होंने आनंद विहार, सराय काले खां, आईएसबीटी, आईटीओ समेत तमाम जगहों पर लोगों को खुले आसमान के नीचे लोगों को सोते हुए देखा। इस पूरी घटना का उन्होंने वीडियो शेयर किया, जिसमें कुदीप कुमार और संजीव झा आपस में दिल्ली के लोगों को चर्चा करते नजर आ रहे हैं।
दिल्ली कैंट में कड़ाके की ठंड में सैकड़ों लोग फुटपाथ पर पड़े काँप रहे हैं— पर रेखा गुप्ता जी की सरकार की तरफ़ से न रैन बसेरे, न कंबल, न कोई व्यवस्था।
— Sanjeev Jha (@Sanjeev_aap) December 6, 2025
तापमान लगातार गिर रहा है,
लेकिन सरकार का जमीर अब तक नहीं जागा।
क्या दिल्ली सरकार ठंड से किसी मौत या बड़ी अनहोनी होने का इंतज़ार… pic.twitter.com/aevMW0tuwx
उन्होंने कहा, 'दिल्ली कैंट समेत तमाम इलाकों में कड़ाके की ठंड में सैकड़ों लोग फुटपाथ पर पड़े कांप रहे हैं। दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने न तो अब तक इनके लिए रैन बसेरे का इंतजाम किया है। न ही कंबल या खाने का इंतजाम। तापमान दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। लेकिन सरकार का जमीर अब तक नहीं जगा है।' उन्होंने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि ' क्या दिल्ली सरकार ठंड से किसी मौत या बड़ी अनहोनी होने का इंतज़ार कर रही है?' क्या किसी बेबस की जान जाने के बाद ही दिल्ली सरकार हरकत में आएगी?
संजीव झा और कुलदीप कुमार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 'करोड़ों रुपए रे विज्ञापन हर जगह पर चिपक जाते हैं। लेकिन इंसानों की जिंदगी के लिए एक ढंग का रैन बसेरा भी तैयार नहीं होता-ये कैसी सरकार है?' उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार गार्ड लोगों को हीटर बांट रही है। कुछ हीटर इन गरीबों को भी बांट दिए जाएं। अगर हीटर नहीं दे सकते हैं, तो कम से कम रैन बसेरा बनाकर, सही इंतजाम ही कर दिए जाएं?
