मानसून सत्र 2025: राज्यसभा में आमने-सामने संजय सिंह-जया बच्चन, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर छिड़ी बहस

आमने-सामने संजय सिंह और जया बच्चन
Sanjay Singh vs Jaya Bachchan: देश के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जा रही है। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विपक्षी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत तमाम सांसद इस मुद्दे पर अपनी बात रख चुके हैं। इस बीच मंगलवार को राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी की नेता जया बच्चन के बीच बहस छिड़ गई। दरअसल, संजय सिंह पीएम मोदी पर कटाक्ष कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिसे सुन जया बच्चन को आपत्ति हो गई।
बता दें कि संजय सिंह ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पीएम मोदी पर कटाक्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी फिल्मी सितारों को संबोधित करने गए लेकिन वो पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के घर नहीं गए। वे इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारवालों की पीड़ा, दुख और तकलीफ जानने नहीं गए। थोड़ा रुककर उन्होंने कहा कि हमसे कहा जाता है कि सेना की बहादुरी को नमन करो, हम करेंगे बार-बार करेंगे लेकिन सेना के लिए आपने क्या किया?'
इस बीच राज्यसभा के सभापति घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि 'जया बच्चन जी कह रही हैं कि आप गलत बोल रहे हो।'
संजय सिंह ने कहा, 'आपने इतनी दूर से सुना नहीं होगा, आपने सुना नहीं होगा।'
इस पर जया बच्चन अपनी सीट से खड़ी हुईं और उन्होंने संजय सिंह से कहा कि 'आपने फिल्मी सितारे जिस तरीके से कहा वो थोड़ा अपमानजनक लगा, बस मेरा यही कहना था।'
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बता दें कि इस बहस से पहले संजय सिंह पीएम मोदी पर हमलावर हो रहे थे। हालांकि जया बच्चन और संजय सिंह की इस चर्चा के बाद संजय सिंह वापस अपने मुद्दे पर आ गए। उन्होंने कहा, ' ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए सीजफायर को लेकर मोदी सरकार का कहना है कि पाकिस्तान गिड़गिड़ाया, इसलिए हमने सीजफायर किया। मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि पहलगाम हमले के दौरान हमारी बहनें भी तो गिड़गिड़ाई थीं। उन्होंने भी कहा था कि हमारी मांग का सिंदूर मत उजाड़ो। हालांकि इसके बावजूद वो दूर्दांत आतंकवादी नहीं माने, तो आप सीजफायर के लिए कैसे मान गए?'
संजय सिंह ने आगे कहा, 'कल से दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने किसी तीसरे के हस्तक्षेप के बिना अपनी मर्जी से सीजफायर किया। स्वतंत्रता से लेकर अब तक भारत का रुख हमेशा से साफ रहा है कि पाकिस्तान से संबंधित मामलों में किसी भी विदेशी की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर किसी ने इस रुख से विश्वासघात किया है, तो वो पीएम मोदी हैं।'
