Delhi Air pollution: वायु प्रदूषण से मिलेगी राहत, CAQM ने पराली की समस्या के लिए सुझाया यह खास उपाय, दिए निर्देश

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Delhi Air pollution Solution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर द कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे एनसीआर के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी प्रदूषण की समस्याओं से निपटा जाएगा।

Delhi Air pollution Control: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, इस प्रदूषण की समस्या का सबसे बड़ा कारण पराली जलाया जाना है। यह पराली जलाने की समस्या एनसीआर के लगे क्षेत्रों में भी देखी गई है। इस समस्या का सामना आमतौर पर सर्दी के मौसम में करना पड़ता है, जिसके निदान के लिए अभी से बेहतर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Managemnet- CQAM) ने हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं।

CQAM ने कहा है कि एनसीआर से सटे जितने भी क्षेत्रों में ईंट भट्टे और चीनी मिल हैं। इनमें धान की पराली को ईंधन के रूप में जलाने के दूसरे विकल्प पर ध्यान देना चाहिए। आयोग ने विकल्प बताते हुए कहा कि, पराली को खेतों में जलाने के बजाय इसका उपयोग ईंट-भट्टों पर वैकल्पिक ईंधन के रूप में किया जाए। सीएक्यूएम ने स्पष्ट किया है, कि उसका लक्ष्य फसल से निकली हुई पराली या अवशेषों को खुले में जलाने की परंपरा को पूरी तरह से समाप्त करना और औद्योगिक क्षेत्र में स्वच्छ, टिकाऊ ईंधन विकल्पों को बढ़ावा देना है।

आपको बता दें कि एनसीआर के पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की समस्या सबसे ज्यादा देखी गई है। इसके कारण वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। इसको देखते हुए हरियाणा और पंजाब के एनसीआर क्षेत्र से बाहर के जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी ईंट भट्टों को धान की पराली आधारित छर्रों या ब्रिकेट्स के सह-फायरिंग को अपनाएं।

हरियाणा और पंजाब दोनों राज्य की सरकारों को एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा गया है कि इन्हें सुनिश्चित करना होगा, कि एक नवंबर 2025 को धान की पराली पर आधारित छर्रों या ब्रिकेट्स के 20 फीसदी हिस्से को दूसरे ईंधन के साथ उपयोग किया जाए। वहीं, एक नवंबर 2026 से मात्रा को 30 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के साथ, दिल्ली में की गई कार्रवाई से हर महीने अयोग को अवगत कराया जाएगा।

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