Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा यूपी के सरकारी स्कूलों का बदहाली मामला, संजय सिंह ने दायर की याचिका

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे संजय सिंह।
Supreme Court: उत्तर प्रदेश में 5,000 से ज्यादा स्कूलों को मर्ज करने के नाम पर उन्हें बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन सरकारी स्कूलों को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह लड़ाई लड़ रहे हैं। वे संसद में भी स्कूलों के बंद होने का मुद्दा उठा चुके हैं। वहीं अब वे इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां उनके मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। उन्होंने नेता को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की इजाजत दी है।
बता दें कि सांसद संजय सिंह ने कोर्ट में बच्चों की आवाज उठाई और साथ ही हजारों स्कूलों को मर्ज किए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की। संजय सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मासूम बच्चों का भविष्य राजनीतिक इस्तेमाल का हिस्सा नहीं बन सकता। शिक्षा के अधिकार से किसी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने संजय सिंह को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की इजाजत दे दी।
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 5,000 से ज्यादा स्कूलों को मर्ज करने के नाम पर बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके कारण 27,000 परिषदीय विद्यालयों पर असर पड़ेगा। इसके कारण लगभग 1,35,000 सहायक शिक्षक और 27000 प्रधानाध्यापकों की नौकरी चली जाएगी। इसके अलावा शिक्षामित्रों और रसोइयों की नौकरियां भी खतरें में पड़ जाएंगी। इन स्कूलों के बंद होने से शिक्षा तंत्र और लगभग लाखों परिवारों की आजीविका पर असर पड़ेगा।
वहीं देशभर में बीते 10 सालों में स्कूलों की संख्या में लगभग 8 फीसदी की कमी आई है। वहीं निजी स्कूलों की संख्या लगभग 15 फीसदी बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्कूलों में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। इन आंकड़ों को देखा जाए, तो देश में सरकारी शिक्षा व्यवस्था धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही है।
