दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर रोक के बाद सियासत: आतिशी ने बताया तुगलकी फरमान, बोलीं करोड़ों का चुनावी चंदा...

पुराने वाहन पर बैन मामले में आतिशी और मंत्री सिरसा का बयान।
Old Vehicle Banned: दिल्ली में 1 जुलाई से 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर बैन लगा दिया गया है। अब इन पुरानी कारों को ईंधन नहीं मिलेगा। अगर सड़कों पर ये गाड़ियां दिखती हैं, तो इन्हें सीज कर दिया जाएगा। हालांकि जिन लोगों ने कार को वेल मेंटेन करके रखा हुआ है, उन लोगों को सरकार के इस फैसले से परेशानी हो रही है।
वहीं दिल्ली की विपक्षी आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने इस फैसले को 'तुगलकी फरमान' बताया है। उन्होंने सरकार के इस फैसले में चुनावों के दौरान मिले करोड़ों रुपए के चंदे का एंगल निकाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा गाड़ी बनाने वाली कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। साथ ही कहा कि गाड़ी की उम्र से प्रदूषण का कोई संबंध नहीं है। दूसरी बात की कोई गाड़ी पुरानी है, तो उसका ये मतलब नहीं है कि वो ओवर यूज्ड है। दिल्ली में कई गाड़ियां ऐसी हैं, जो 7 साल में 3 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी हैं। वहीं कई कार ऐसी हैं, जो 15 साल में 50 हजार किलोमीटर नहीं चल सकीं।
आतिशी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से साफ जाहिर है कि भाजपा की कार और बाइक बनाने वाली कंपनियों से सेटिंग हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से 62 लाख गाड़ियां सड़कों से हट गईं। अब उतनी ही गाड़ियां खरीदी जाएंगी, जिसका फायदा कार बनाने वाली कंपनियों को होगा।
उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि वे बताएं कि उन्हें बीते 5 सालों में गाड़ी बनाने वालों से कितना चंदा मिला है। बीजेपी को दिल्ली वालों की या प्रदूषण की चंता नहीं है बल्कि उन्हें उन लोगों की चिंता है, जिनसे करोड़ों का चंदा लिया गया।
आतिशी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से एक झटके में 62 लाख गाड़ियों को सड़क से हटना होगा। इसमें 40 लाख दोपहिया और 20 लाख कारें हो सकती हैं। दिल्ली के अधिकतर लोग दो पहिया वाहन से ऑफिस या अपने अन्य कामों के लिए जाते हैं। ये लोग अब अपनी जरूरतें कैसे पूरी करेंगे?
वहीं एक दिन पहले ही मनजिंदर सिंह सिरसा पुरानी गाड़ियों के बैन को लेकर एक्स पर पोस्ट शेयर कर चुके हैं। उन्होंने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि END-of-Life Vehicles की समस्या आम आदमी पार्टी की सालों की नाकामी और निकम्मेपन का नतीजा है। जिस सरकार की जिम्मेदारी थी कि वे समय रहते समस्या का समाधान करें, उस समय वे सोते रहे। अब जब संकट सिर पर आ गया है, तो दिल्ली की जनता को भुगतान करना पड़ रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हम निर्धारित सीमा के अंदर दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाएं और दिल्ली के लोगों को राहत दें।
