कबूतरों का बीट 'फेफड़ों' के लिए हानिकारक: NGT ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब, क्या है पूरा मामला?

Pigeon droppings are harmful for the lungs
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कबूतरों का बीट फेफड़ों के लिए हानिकारक

National Green Tribunal: दिल्ली-एनसीआर में कबूतरों की बढ़ती आबादी पर चिंता जताते हुए एक छात्र ने NGT में याचिका दायर की है। इसमें कबूतरों के बीट से सेहत को नुकसान होने का जिक्र किया गया है।

Pigeon Droppings Harmful To Health: दिल्ली-एनसीआर में कबूतरों की बढ़ती आबादी की वजह से सड़कों फुटपाथों और पब्लिक प्लेस पर गंदगी को लेकर एक छात्र ने चिंता जताई है। इसको लेकर छात्र ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में याचिका दायर की है। इस पर NGT ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

याचिका में दावा किया गया है कि कबूतरों के बीट से फेफड़ों की गंभीर बीमारियों होती हैं। NGT ने कबूतरों की बीट से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों पर चिंता व्यक्त की है। इस मामले पर अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।

याचिका में क्या कहा गया?

NGT में दायर की गई याचिका में कहा गया कि कबूतरों को दाना खिलाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे फुटपाथ, रास्तों और ट्रैफिक एरिया में कबूतरों का बीट यानी मल जमा हो जाता है। इसके बाद जब इन जगहों पर सफाई की जाती है, तो सूखे मल के जहरीले कण धूल में मिल जाते है, जो सेहत के लिए बहुत खतरनाक होते हैं।

याचिकाकर्ता का कहना है कि कबूतरों का बीट हवा में मिलने से इन प्रदूषकों के संपर्क में आने पर फेफड़ों की गंभीर बीमारियां होती हैं। इसमें 'हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस' भी शामिल है। बता दें कि यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें फेफड़ों में सूजन आने लगती है। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है।

NGT ने अधिकारियों को भेजा नोटिस

इस मामले पर सुनवाई करते हुए NGT के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और डॉ. ए. सेंथिल वेल (विशेषज्ञ सदस्य) की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पर्यावरण नियमों के पालन को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इसको लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने NCT सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही अधिकारियों को हलफनामे के जरिए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में की जाएगी।

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