Old Gurugram Metro Station: ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो बनाने में थीं ये 5 अड़चनें, जल्द होंगी दूर

ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो
Old Gurugram Metro Station: ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो निर्माण को लेकर आ रही अड़चनें जल्द दूर होने वाली हैं। इसको लेकर हीरो होंडा चौक से लेकर उमंग भारद्वाज चौक तक मेट्रो निर्माण में आ रही समस्या को खत्म करने के लिए GMRL (गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड) ने GMDA (गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण) और HSVP (Haryana Shahari Vikas Pradhikaran) से आग्रह किया है।
पत्र लिखकर किया गया आग्रह
GMRL की मुख्य वास्तुकार डॉ. नर्मिता कलसी ने GMDA और HSVP को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि पहले चरण में मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से लेकर सेक्टर-नौ तक मेट्रो रूट का निर्माण होना है। इसके लिए जल्द काम शुरू करना है। हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक के बीच लगभग तीन किलोमीटर की दूरी में 5 अड़चनें आ रही हैं। इन्हें जल्द दूर कराया जाए। ताकि मेट्रो निर्माण के दौरान किसी तरह की कोई दिक्कत न आए।
बनाया जाएगा मेट्रो स्टेशन
बता दें कि हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक के बीच एक मेट्रो स्टेशन बनाया जाएगा। पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने जीएमडीए, एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में इस रोड को लेकर भी चर्चा की गई थी। इस दौरान उन्होंने अड़चनों को दूर करके सड़क और मेट्रो का निर्माण जल्द कराने का आदेश दिया था।
आ रही ये अड़चनें
- अगर अड़चनों की बात करें, तो बता दें कि अब तक इस रोड से बिजली के हाईटेंशन टावर और लाइन को नहीं हटाया गया है।
- सेक्टर-10 के बिजलीघर को शिफ्ट किया जाए क्योंकि ये मेट्रो रूट के बीच में आ रहा है।
- इसके अलावा हिमगिरी आश्रम और बीकानेर मिष्ठान भंडार मेट्रो निर्माण में परेशानी बने हुए हैं।
- सीएनजी पाइपलाइन को शिफ्ट करना है। हालांकि इसके लिए एचएसवीपी ने वैकल्पिक साइट हरियाणा सिटी गैस को उपलब्ध करा दी है। हालांकि अब तक सीएनजी स्टेशन को शिफ्ट नहीं किया गया है।
ये काम भी किए जाएंगे
वहीं एनएचएआई ने ओल्ड गुरुग्राम की मुख्य सड़क को चौड़ा करने की योजना बनाई है। मुख्य सड़क को तीन-तीन लेन का बनाया जाएगा। सर्विस रोड भी तीन लेन की बनाई जाएगी। इसके लिए लगभग 100 करोड़ रुपए के एस्टीमेट तैयार किए जा चुके हैं। उमंग भारद्वाज चौक पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा। वहीं बिजली के तार और बिजली घर शिफ्ट करने के लिए डीएचबीवीएन और एचवीपीएन ने 6 महीने का समय मांगा है।
