NSG Claim on Land: दिल्ली के 300 साल पुराने गांव पर NSG का दावा, जानें क्या है नियम?

मेहरम नगर पर एनएसजी का दावा।
NSG Claim on Land: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मेहरम नगर का एक गांव है, जो लगभग 300 साल पुराना है। हालांकि अब इस गांव पर संकट गहराता दिख रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की तरफ से गांव को खाली कराने का नोटिस भेजा गया है। इसके बाद से यहां के निवासियों में आक्रोश और डर है। नोटिस लगाए जाने के बाद ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और एकजुट होकर आंदोलन की राह पकड़ी। यहां शनिवार से दो दिवसीय महापंचायत का आयोजन शुरू किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एनएसजी किसी भी जमीन पर दावा कर सकता है?
बता दें कि एनएसजी किसी भी जमीन पर दावा नहीं कर सकती। एनएसजी एक ऐसा सुरक्षा बल है। इससकी स्थापना 1984 में हुई थी। ये बल आतंकवाद और विशेष सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए की गई थी। इसका प्राथमिक कार्य सुरक्षा अभियानों और वीवीआईपी लोगों को प्रोटेक्शन देने तक सीमित है। ये सुरक्षा बल जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकता है।
अगर केंद्र सरकार या रक्षा मंत्रालय किसी सुरक्षा क्षेत्र के लिए अधिसूचना दे, तो एनएसजी या कोई अन्य सुरक्षा एजेंसी वहां कब्जा कर सकती है। सरकारी आदेशों और अधिग्रहण कानून पर निर्भर करता है कि NSG सुरक्षा बल जमीन अधिग्रहण करे। भूमि अधिग्रहण केवल वैध प्रक्रिया से ही संभव है। इसके लिए सरकार मुआवजा देकर किसी भी जमीन को सार्वजनिक या राष्ट्रीय हित में ले सकती है।
हालांकि अगर जमीन पहले से किसी सरकारी विभाग या रक्षा मंत्रालय को जमीन अलॉट की गई हो, तो वो जमीन ग्रामीणों के लिए विवादित हो सकती है। मेहरम नगर गांव का मामला भी इसी श्रेणी में आता है। मेहरम नगर गांव का एक बड़ा हिस्सा ऐतिहासिक रूप से एयरफोर्स और रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए चिन्हित किया गया था। अब एनएसजी ने जमीन पर दावा किया है। हालांकि ये जमीन ग्रामीणों को अपने अधिकारों का हनन लगता है।
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