Cyber Crime: कैशलेस स्कीम के तहत उड़ाए 9 करोड़, पर्सनल खाते में किए ट्रांसफर, दो गिरफ्तार

Delhi cryptocurrency fraud
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 क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 5 लोग गिरफ्तार। 

Cyber Crime: कैशलेस स्कीम के तहत 9 करोड़ की धनराशि उड़ाने वाले दो आरोपियों को नोएडा साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं तीसरा आरोपी फरार है, जिसे ढूंढने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

Cyber Crime: नोएडा की साइबर पुलिस ने बुधवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक युवक अस्पताल में रिकवरी ऑफिसर है और दूसरा अकाउंट सेक्शन का कर्मचारी है। दोनों आरोपियों ने मिलकर कैशलेस स्कीम के तहत आने वाले पैसों को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया।

गिरफ्तार किए गए युवकों का नाम वैभव कुमार और अंकुत त्यागी है। इन्हें गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 77330 रुपए नकद और iPhone-15 प्रो बरामद किया है।

ADCP मनीषा सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वैभव कुमार अस्पताल में रिकवरी ऑफिसर के पद पर काम करता था। वहीं उसका साथी अंकुर त्यागी अकाउंट सेक्शन में काम करता था। दोनों ने साथ मिलकर अस्पताल के बैंक अकाउंट को अपने पर्सनल अकाउंट से बदलवाने की योजना बनाई।

इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए अस्पताल की ऑफिशियल ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किया गया। वैभव कुमार ने एमसीडी के अकाउंट सेक्शन को एक मेल भेजा। इसमें उसने अस्पताल के बैंक खाते के साथ तीन नए खातों की जानकारी दी। इसके बाद MCD ने विभिन्न मरीजों के मेडिकल बिल की भुगतान उन नए तीन खातों में कर दिया। ये भुगतान कैशलेस व्यवस्था के तहत किया गया।

आरोपियों ने इस पैसे को आपस में बांट लिया। इस मामले में एक अन्य आरोपी शुभम का नाम भी सामने आ रहा है। नोएडा पुलिस शुभम की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि कड़कड़डूमा दिल्ली के एक अस्पताल में वैभव की मुलाकात विजय अग्रवाल से हुई। यहीं उसकी दोस्ती अंकुर त्यागी से हुई। अंकुर अपने रिश्तेदार के साथ अस्पताल चलाता था। दोस्ती के कारण अंकुर ने नोएडा स्थित अस्पताल में रिकवरी ऑफिसर के रूप में काम करना शुरू कर दिया।

विजय ने वैभव से कहा कि अगर वो अस्पताल के अकाउंट को बदलकर नए खाते एमसीडी में मेल कर दे, तो पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। योजना के तहत अंकुर वैभव ने एमसीडी को नए खातों की जानकारी दी। इसके बाद तीनों खातों में लगभग 9 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।

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