Buffalo Lane: नोएडा की भैंस वाली गली की रोचक कहानी, जानें इतिहास

Bhainswali Street in Noida
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नोएडा की भैंसवाली गली 

नोएडा जैसा व्यस्त और आधुनिक शहर में एक गली ऐसी भी है जिसे आज भी भैंसों वाली गली के नाम से जाना जाता हैं।

Noida News: नोएडा यूपी का सबसे विकासशील शहर है। यहां हर तरफ आपको चमचमाती सड़के, ऊंची-ऊंची इमारतें और मल्टीनेशनल कंपनियों देखने को मिल जाएंगी। लेकिन इस आधुनिक शहर में एक गली ऐसी भी है जिसे 'भैसों वाली गली' कहा जाता है। आज भी अगर आप इस गली में जाएंगे, तो पहला कदम रखते ही आपको पुराने गांव की खुशबू आने लगेगी।

क्यों पड़ा इसका ऐसा अनोखा नाम ?

यह गली नोएडा सेक्टर-27 के पास एक पुराने गांव में है। बताया जाता है कि इस गांव में दशकों पहले कई डेयरी वाले लोग रहते थे। उस समय यहां सुबह-सुबह ही भैंस के रंभाने और दूध वालों के बर्तनों के खनकने की आवाजें सुनाई देती थी। शायद यही कारण रहा होगा, जिस वजह से इस गली का नाम 'भैंस वाली गली' पड़ गया।

दूध मॉल का नहीं, भैंस वाली गली का

नोएडा शहर देश और प्रदेश का भले ही सबसे तेज विकसित होने वाला शहर बन गया हो, लेकिन इस छोटी सी गली में पहुंचते ही ऐसा लगता जैसे कि समय ठहर सा गया हो। इस समय में भी आपको यहां कई घरों में 7 से 8 भैंसे बंधी हुई मिल जाएगी। यहां से सुबह के समय में दूध वाले जब अपनी कैन लेकर निकलते हैं, तो ऐसा लगता है कि शहर का एक कोना अभी भी गांव ही है।

स्थानीय लोगों का कहना कि हमारे दादा-परदादा यहां डेयरी चलाते थे और 50 से 60 पशुओं को पालते थे। अब जगह की कमी हो गई है इसलिए हम 8 से 10 ही भैंसे पाल पाते हैं। लेकिन हमने आज भी दूध का काम नहीं छोड़ा है। हम लोगों आसपास के सेक्टरों में ही दूध बेचते हैं और हमारे ग्राहकों का कहना कि हमें मॉल का नहीं बल्कि भैंस वाली गली का दूध चाहिए।

विरासत पर कायम

नोएडा शहर आज जब पूरी दुनिया की नजर में एक स्मार्ट सिटी है। ऐसी स्थिति में भैंस वाली गली आज भी अपनी विरासत को बिल्कुल ग्रामीण तरीके से बचा कर रखे हुए है। यह एक ऐसी तस्वीर है, जो दर्शाती की नोएडा की विरासत गांव ही थे। यह बताती है कि विकास के चकाचौंध में भी विरासत की जड़ें कभी नहीं मिटतीं। नगर निगम ने कई बार गांव की गलियों का नाम बदला, लेकिन फिर भी भैंस वाली गली सबको याद रहती है। यह गली नोएडा के उस पुराने दौर की निशानी है। जब यहां गांव और खेत हुआ करते थे और अधिकांश का लोगों का जीवन खेती बाड़ी के ऊपर निर्भर था।

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