Noida Jungle Night Safari: अब नोएडा में भी देख सकेंगे शेर, चीता हिरण और डायनासौर, 'नोएडा जंगल ट्रेल' में नाइट सफारी का भी ले सकेंगे मजा

नोएडा जंगल ट्रेल।
Noida Jungle Trail: नोएडा वालों के लिए खुशखबरी है। नोएडा प्राधिकरण नोएडा के सेक्टर-95 में एक जंगलनुमा पार्क बना रहा है। उम्मीद है कि इसे अगले महीने तक शुरू किया जा सकता है। ये पार्क बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको पसंद आने वाला है। इस पार्क में शेर, चीता, हाथी, हिरण और डायनासोर समेत तमाम जानवरों की आकृतियां देखने को मिलेंगी। हालांकि इस पार्क में एंट्री फ्री नहीं होगी। इसके लिए आपको टिकट खरीदनी होगी।
90 फीसदी काम पूरा
बता दें कि इस पार्क में लोहे, रबड़, कबाड़ और सीमेंट की मदद से लगभग 400 जानवरों की कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। इस पार्क का लगभग 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बाकी का काम इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा।
18.27 एकड़ में बनेगा पार्क
ये पार्क सेक्टर-95 में महामाया फ्लाईओवर और ओखला पक्षी विहार के बीच में बनाया जा रहा है। जून 2024 में इस पार्क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लगभग 18.27 एकड़ में ये पार्क बनाया जा रहा है। इस पार्क का नाम 'नोएडा जंगल ट्रेल' है। इस पार्क तक मेट्रो के जरिए भी पहुंचा जा सकेगा। इसके पास का मेट्रो स्टेशन ओखला पक्षी विहार मेट्रो स्टेशन है।
खरीदन होगी एंट्री टिकट
इस बारे में नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बताया गया कि सेक्टर-95 में बनने वाले इस पार्क में शेर, चीता, डायनासोर, मगरमच्छ, गैंडा, बंदर समेत लगभग 400 जानवरों की आकृतियां बनाई जा रही हैं। ये आकृतियां कबाड़ से बनाई गई हैं। इस पार्क में सिर्फ जानवर ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे पक्षी भी बनाए जाएंगे। पार्क में आने वाले लोगों को यहां जंगल जैसा फील आने वाला है। पार्क में आने वाले लोगों को टिकट खरीदनी होगी, जिसकी कीमत जल्द तय की जाएगी।
मिलेंगी ये सुविधाएं
- ये दिल्ली-एनसीआर का पहला ऐसा पार्क होगा, जिसमें 'जंगल नाइट सफारी' का लुत्फ उठा सकेंगे।
- इस पार्क के अंदर मरुस्थल, जल, बर्फ और घने जंगल बनाए गए हैं।
- इसमें 400 से ज्यादा जानवरों की आकृतियां बनाई जाएंगी।
- वेस्ट प्रोडक्ट के जरिए ही सभी आकृतियां बनाई गई हैं। इसी तरह वेस्ट के जरिए ही आउटडोर फर्नीचर, आउटडोर लाइटिंग और शॉप आदि बनाई जाएंगी।
- यहां पर बच्चों के खेलने के लिए मैदान और पिकनिक स्पॉट भी होगा।
- यहां फूड कोर्ट बनाया जाएगा, जहां से खाने-पीने का सामान खरीदा जा सकेगा।
