Noida Authority: नोएडा के इन 9 गांवों में भूल कर भी मत लेना जमीन, उठाना पड़ेगा भारी नुकसान

Land can no longer be sold in these 9 villages in Noida
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नोएडा के इन 9 गांव में अब नहीं बिक सकेगी जमीन

नोएडा प्राधिकरण ने भू माफियाओं की धोखाधड़ी को रोकने के लिए 9 गांवों की लिस्ट जारी की है, जिनमें जमीन खरीदना सख्त माना है। पढ़िये ये रिपोर्ट...

Noida Authority: नोएडा प्राधिकरण ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नौ गांवों की जमीनों से जुड़े खसरा नंबरों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को भूमाफियाओं के जाल से बचाना है। भू माफिया इन इलाकों में अवैध रूप से कॉलोनियां विकसित कर रहे हैं। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि जमीनों पर किसी भी प्रकार की खरीद-बिक्री या निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति यहां प्लॉट या फ्लैट बुक करने के लालच में फंसता है, तो उसे बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है।

अधिग्रहण की प्रक्रिया और प्रभावित गांव

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन 9 गांवों में सालारपुर खादर, वाजिदपुर, मामूरा, गुलावली, दोस्तपुर-मंगरौली, कोंडली बांगर, बादौली बांगर, कामबक्शपुर और सदरपुर शामिल हैं। इन गांवों की जमीनों के खसरा नंबर अब वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। जिसके चलते यहां जमीन खरीदने से पहले आसान चेक कर सकेंगे। कि उनकी रुचि वाली जमीन इस सूची में है या नहीं। प्राधिकरण का कहना है कि इन क्षेत्रों में कोई भी निर्माण कार्य पूरी तरह से अवैध है। इसके बावजूद कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि भूमाफिया लगातार लोगों को झूठे वादों से लुभा रहे हैं, जैसे सस्ते प्लॉट या फ्लैट उपलब्ध कराने के नाम पर। डॉ. लोकेश एम ने जोर देकर कहा कि जनता को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के अवैध सौदे से दूर रहना रहें वरना कानूनी और वित्तीय परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

लोगों की सुरक्षा और आगे की सलाह

इस पहल से नोएडा प्राधिकरण का इरादा स्पष्ट है कि शहर का विकास व्यवस्थित तरीके से बिना किसी अवैध हस्तक्षेप के होगा। अधिकारियों ने बताया कि वेबसाइट पर उपलब्ध खसरा नंबरों की सूची से लोग खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। यदि कोई संदेह हो, तो वे सीधे प्राधिकरण से संपर्क करें। यह कदम भूमाफियाओं पर नकेल कसने में मददगार साबित होगा। क्योंकि अब लोग आसानी से सत्यापन कर सकेंगे। कुल मिलाकर यह फैसला नोएडा के निवासियों के हित में है। जो उन्हें धोखाधड़ी से बचाएगा और शहर के सुनियोजित विस्तार को सुनिश्चित करेगा।

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