Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट के आसपास निर्माण के नए नियम, किस पर कितना असर?

नोएडा एयरपोर्ट के आसपास निर्माण कार्य को लेकर नए नियम।
Noida International Airport: नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के आसपास की जगहों पर निर्माण कार्य को लेकर नए नियम लागू कर दिए गए हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के 20 किमी के दायरे में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन और ऊंचाई से जुड़े सख्त नियम लागू किए गए हैं। इससे एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में निवेश करने वाले बिजनेसमैन चिंता में पड़ गए हैं। साथ ही यहां के आसपास निर्माण कार्य करने वाले लोगों पर काफी असर पड़ सकता है।
नोएडा एयरपोर्ट के आसपास AAI द्वारा जारी कलर कोडेड जोनिंग मैप जारी किया गया है। इसी के आधार पर इमारत को निर्धारित ऊंचाई तक ही बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कौन से नियम लागू किए गए हैं और उनसे निवेशकों पर क्या असर पड़ सकता है।
ये नियम लागू किए गए
- जेवर एयरपोर्ट के 4 किमी के दायरे में 6 मंजिल से ऊंची इमारत बनाने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही एयरपोर्ट के आसपास मोबाइल टावर भी नहीं लगाया जा सकता है।
- एयरपोर्ट के आसपास 10 किमी के दायरे में किसी भी तरह का निर्माण करने के लिए NOC लेना जरूरी है।
- जेवर एयरपोर्ट के 20 किमी के दायरे में ऊंचाई क्लीयरेंस के लिए AAI से NOC लेना होगा। इसमें पेड़ लगाने जैसे काम भी शामिल हैं।
- एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में ड्रोन और लेजर वाले उपकरणों के इस्तेमाल पर बैन लगाया गया है।
निवेशकों और आम जनता पर कितना असर?
नोएडा एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों पर इन नियमों का असर देखने को मिलेगा। वहां के स्थानीय लोग, जो नया मकान बनाने या फिर उसके विस्तार की प्लानिंग कर रहे थे, उन्हें पहले AAI से NOC लेना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा, जिससे निर्माण कार्य में देरी हो सकती है। इन नए नियमों से ठेकेदार, मजदूर और उससे जुड़े व्यवसायों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
बता दें कि जेवर एयरपोर्ट की निर्माण का ऐलान होने के बाद वहां के आसपास के इलाकों में रियल एस्टेट में व्यापारियों ने ज्यादा निवेश करना शुरू कर दिया। एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में जमीन और प्लॉट के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा कई बिल्डरों ने अपने रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स भी लॉन्च कर दिए हैं। ऐसे में इन बिल्डरों को कई नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।
- बिना NOC के निर्माण शुरू करने वाले बिल्डरों को अपने प्रोजेक्ट रोकने पड़ सकते हैं। इससे उस प्रोजेक्ट में शामिल निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
- अगर कोई निर्माण अवैध पाया जाता है, तो उसे तोड़ना पड़ सकता है। इससे निवेशकों को सीधे तौर पर नुकसान होगा।
- इन नियमों के बाद से नए निवेशकों पर संकट आ गया है, जो भविष्य में एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में निवेश कर रहे थे।
कब शुरू होगा जेवर एयरपोर्ट?
बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम लगभग पूरा हो चुका है। एयरपोर्ट पर 3900 मीटर लंबा पहला रनवे तैयार कर लिया गया है। इससे पहले कई बार यह एयरपोर्ट अपनी डेडलाइन मिस कर चुका है। हालांकि इस एयरपोर्ट से नवंबर के महीने से फ्लाइट शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
