Smart Water Meters: दिल्ली के घरों में लगेंगे स्मार्ट वॉटर मीटर, लीकेज-गलत बिलिंग से मिलेगा छुटकारा

नई दिल्ली के घरों में लगेंगे स्मार्ट वॉटर मीटर।
NDMC Smart Water Meter Plan: राजधानी दिल्ली में लोगों के घरों में स्मार्ट वॉटर मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है। इससे पानी की खपत, गलत बिलिंग और रिसाव की चिंता खत्म होगी। इसको लेकर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने योजना बनाई है। एनडीएमसी ने जल वितरण की प्रक्रिया को मॉडर्न और आसान बनाने के लिए यह कदम उठाने जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, इस काम के लिए एनडीएमसी ने ठेकेदारों के लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं। शुरुआत में 30.84 करोड़ रुपये की लागत से मीटर बदले जाएंगे। इसके साथ ही एनडीएमसी इतने बड़े स्तर पर स्मार्ट वॉटर मीटर सिस्टम अपनाने वाली दिल्ली की पहली एजेंसी बन जाएगी।
कितने मीटर बदले जाएंगे?
एनडीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि अगले एक साल के अंदर नई दिल्ली में 16 हजार खराब मीटरों को बदला जाएगा। पुराने मीटरों की जगह अल्ट्रासोनिक ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग डिवाइस लगाए जाएंगे। यह योजना आने वाले पांच सालों तक चलेगी। अधिकारी ने आगे बताया कि इन मीटरों में पानी के संपर्क में आने वाला कोई भी चलता फिरता हिस्सा नहीं आने वाला है, जिससे ज्यादा बिल आने वाली भी समस्या खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही यह मीटर चुंबकीय रूप से सील होंगे और इनकी बैटरी लाइफ लगभग 15 साल होगी।
एनडीएमसी खुद लगवाएगी मीटर
एनडीएमसी की इस योजना में 15 मिलीमीटर घरेलू लाइनों से लेकर 300 मिलीमीटर की बड़ी थोक पाइपलाइनों के कनेक्शन को शामिल किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 13,860 मीटर 15 मिमी कनेक्शन के लिए हैं। इसके अलावा 334 मीटर 25 मिमी और बाकी मीटर 300 मिमी तक की बड़ी पाइपलाइनों के लिए हैं। बता दें कि दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी की सप्लाई की जाती है। वहीं, दिल्ली के लुटियंस इलाके में एनडीएमसी खुद ही पानी की आपूर्ति करता है। इसके अलावा मीटर लगाने का काम भी एनडीएमसी खुद ही करती है।
15 हजार से ज्यादा आवासीय कनेक्शन
एनडीएमसी कमर्शियल कनेक्शन के अलावा 15,970 आवासीय कनेक्शनों को भी पानी की सप्लाई करता है। अधिकारियों के अनुसार, इन नए मीटर्स को एनडीएमसी की सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इससे वास्तविक समय की खपत का डेटा सीधे बिलिंग सिस्टम से जुड़ जाएगा। ऐसे में जो बिल तैयार होंगे, वो बिना किसी के हस्तक्षेप के स्वचालित रूप से तैयार होंगे। इस सिस्टम से पानी की खपत के रुझानों का विश्लेषण करने, रिसाव की पहचान करने और कम मांग वाले समय के दौरान सप्लाई सुनिश्चित करने में मदद लेगी।
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