National Herald Case: राहुल गांधी के वकील ने दी दलील, बोले- बेचना नहीं, बचाना है मकसद

सोनिया और राहुल गांधी के नेशनल हेराल्ड मामले में सुनवाई।
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मनी लांड्रिंग मामले में शनिवार को एक बार फिर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से उनके वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा ने अदालत में उनका पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को बेचना नहीं बल्कि बचाना चाहती थी।
चीमा ने कहा कि एआईसीसी की मंशा एजेएल की संपत्तियों को बेचने की नहीं थी बल्कि इस ऐतिहासिक संस्था को बचाने की थी क्योंकि ये कंपनी भारत की स्वतंत्रता संग्राम की विरासत से जुड़ी रही है।
चीमा ने अदालत को बताया कि एजेएल केवल नेशनल हेराल्ड जैसे अखबारों को प्रकाशित करने वाला संगठन नहीं रहा। ये स्वतंत्रता आंदोलन का भी प्रतीक रहा है। इस संस्था को जीवित रखने के लिए और उसकी विरासत खत्म न हो, इसके लिए एजेएल कंपनी को खरीदने का कदम उठाया गया।
चीमा ने ईडी पर तंज कसते हुए सवाल उठाया ईडी को एजेएल का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) कोर्ट में रखने से हिचकिचाहट क्यों हो रही है? इसके बारे में चीमा ने बताया कि एजेएल कांग्रेस की विचारधारा का विस्तार था। साल 1937 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ ही रफी अहमद किदवई, जेबी कृपलानी और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने इसकी स्थापना की थी। एजेएल के एमओए में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी की नीति ही कंपनी की नीति होगी।
चीमा ने कहा कि एजेएल ने कभी मुनाफा नहीं कमाया। आजादी के बाद ये कभी व्यावसायिक संस्था नहीं रही। चीमा ने दलील दी कि एजेएल को दिया गया 90 करोड़ का कर्ज वापस लेना इस कदम का उद्देश्य नहीं था बल्कि इसका पुनरुद्धार करना इसकी प्राथमिकता थी।
बता दें कि बीते दिन वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोनिया गांधी की तरफ से दलील दी थी, जिसमें कहा गया था कि ये मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं है। यंग इंडियन एक गैर लाभकारी कंपनी है और किसी तरह से पैसे के लेनदेन में इसका इस्तेमाल नहीं किया गया, तो ये मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे हो सकता है।
वहीं ईडी ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत कई नेताओं ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एजेल की 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति को 50 लाख में खरीदा। इसके जरिए धोखाधड़ी से नियंत्रण लेकर मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रची गई।