Stray Dogs Delhi: 'दिल्ली में एक भी खतरनाक कुत्ता नहीं रहेगा', मेयर राजा इकबाल ने बताई पूरी रणनीति

strategy against stray dogs in Delhi
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दिल्ली में आवारा कुत्तों को पकड़ने की रणनीति तैयार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। मेयर राजा इकबाल सिंह ने टारगेट पूरा करने की रणनीति साझा की है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए दिल्ली नगर निगम के पशु विभाग ने आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। मंगलवार से शुरू हुए इस अभियान के तहत अभी तक 100 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ा जा चुका है। यही नहीं, दिल्ली नगर निगम स्ट्रीट डॉग्स को लेकर हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने जा रहा है। मेयर राजा इकबाल का कहना है कि दिल्ली में एक भी खतरनाक कुत्ते को नहीं रहने नहीं दिया जाएगा।

मीडिया से बातचीत में मेयर राजा इकबाल ने कहा कि हम नगर निगम की हेल्पलाइन नंबर शुरू करने जा रहे हैं, जहां कोई भी कॉल कर सकता है। उन्होंने बताया कि हमने आवारा कुत्तों को पकड़ने का कार्य मंगलवार से ही शुरू कर दिया था। कल से आज तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों से करीब 100 कुत्ते पकड़े जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि हमारी 25 से ज्यादा टीमें अलग-अलग नगर निगम क्षेत्रों के साथ समन्वय में काम कर रही है ताकि तेजी से कुत्तों को पकड़ा जा सके।

15 अगस्त के बाद तेजी से चलेगा अभियान

एमसीडी के 12 जोन हैं। एमसीडी की तरफ से बताया जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद से आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान तेजी से चलेगा। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने के भीतर 5000 आवारा कुत्तों को पकड़ने का टारगेट दिया है और तय समयावधि के भीतर इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।

लालकिला और राजघाट पर फोकस ज्यादा

एमसीडी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सभी जोन से आवारा कुत्तों को पकड़ा जाएगा, लेकिन लालकिला और राजघाट पर ज्यादा फोकस है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के दौरान इन दोनों जगहों पर वीवीआईपी मूवमेंट रहेगी। इसमें किसी प्रकार की दिक्कत न आए, लिहाजा पहले दिन यहां के स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ने के लिए अभियान की शुरुआत की है।

व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी

दिल्ली में दस लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। दिल्ली में अभी 20 एबीसी सेंटर चलाए जा रहे हैं, जिन्हें कुत्तों के स्टरलाइजेशन और वैक्सीनेशन के लिए डिजाइन किया गया है। चिंताजनक बात यह है कि दिल्ली नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग में स्टाफ की भी कमी है। एमसीडी के पास कुत्तों को पकड़ने के लिए सिर्फ 24 वैन हैं। इन संसाधनों के चलते तय समय पर टारगेट पूरा हो जाएगा, इस पर प्रश्नचिह्न है।

लेकिन, एमसीडी के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश आते ही हमने इस पर भी विचार करना शुरू कर दिया है। जल्द ही, स्थायी शेल्टर होम और अन्य कमियों को पूरा करके तय समय पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए टारगेट को हासिल कर लिया जाएगा।

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